आधे घंटे की बहस, वॉयस वोट और लोकसभा में ऐसे हो गया महुआ मोइत्रा की किस्मत का फैसला

एथिक्स कमेटी की ये रिपोर्ट दोपहर 12 बजे सदन में पेश की गई थी. लेकिन इस पर हंगामा हो गया. इस कारण सदन की कार्यवाही को दो बजे तक स्थगित कर दिया गया. दो बजे जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने रिपोर्ट पर चर्चा के लिए महज आधे घंटे का समय दिया. आधे घंटे की चर्चा के बाद ध्वनिमत से रिपोर्ट की सिफारिश मान ली गई और महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द हो गई.

Advertisement
महुआ मोइत्रा महुआ मोइत्रा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:47 PM IST

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सदस्यता रद्द हो गई. उन्हें 'कैश फॉर क्वेरी' मामले में दोषी पाया गया है. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिश के आधार पर उन्हें संसद से निष्कासित कर दिया गया है.

एथिक्स कमेटी की ये रिपोर्ट दोपहर 12 बजे सदन में पेश की गई थी. लेकिन इस पर हंगामा हो गया. इस कारण सदन की कार्यवाही को दो बजे तक स्थगित कर दिया गया. दो बजे जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने रिपोर्ट पर चर्चा के लिए महज आधे घंटे का समय दिया. आधे घंटे की चर्चा के बाद ध्वनिमत से रिपोर्ट की सिफारिश मान ली गई और महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द हो गई.

Advertisement

495 पन्नों की है एथिक्स समिति की रिपोर्ट

एथिक्स समिति की यह रिपोर्ट सदन में दोपहर लगभग 12 बजे पटल पर रखी गई थी. यह रिपोर्ट 495 पन्नों की है. लेकिन विपक्षी सांसदों ने 495 पेज की इस रिपोर्ट पर चर्चा के लिए अधिक समय की मांग की थी. लेकिन हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई थी. लेकिन जैसे ही दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई. संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए प्रस्ताव पेश किया.

इस रिपोर्ट पर चर्चा के लिए आधे घंटे का समय दिया लेकिन विपक्ष ने और समय की मांग की. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मैं महुआ मोइत्रा पर एथिक्स कमेटी रिपोर्ट पर आधे घंटे की चर्चा करने की अनुमति देता हूं. साथ ही साथी सदस्यों से अपील करता हूं कि वे चर्चा के दौरान सदन की मर्यादा बनाए रखें. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लगभग 500 पेजों की इस रिपोर्ट पर चर्चा के लिए तीन से चार दिन की मांग की थी. 

Advertisement

रिपोर्ट पर चर्चा के लिए मिला था आधा घंटा

संसद में चर्चा के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महुआ पर जो रिपोर्ट आई है. उसमें 106 पेज हैं. एनेक्सर मिलाकर 495 पेज हैं. कोई इंसान इतनी जल्दी यानी दो घंटे में इतनी बड़ी रिपोर्ट को कैसे पढ़ सकता है. उन्होंने कांग्रेस की तरफ से मांग की कि इस पर चर्चा के लिए 3-4 दिन की मोहलत दी जाए. उन्होंने यह भी कहा कि किसी के खिलाफ कोई शिकायत है तो उन्हें बोलने का मौका भी मिलना चाहिए.

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भी कहा कि संसद में 495 पेजों की रिपोर्ट पेश की गई. इस रिपोर्ट पर चर्चा के लिए सभी पार्टियों को आधे घंटे का समय दिया गया और अंत में महुआ की सदस्यता रद्द कर दी. मुझे यह समझ नहीं आता कि 495 पेजों की रिपोर्ट पर सांसद कैसे चर्चा करेंगे?

इस रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा है कि किस तरह महुआ ने अपना संसदीय लॉगइन आईडी और पासवर्ड किसी और को दे दिया. इसलिए प्रस्ताव पर चर्चा एकदम ठीक समय पर की जा रही है.  

महुआ को सदन में नहीं दिया गया बोलने का मौका

सदन में प्रह्लाद जोशी की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर वोटिंग प्रक्रिया शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी सांसदों ने मांग की कि महुआ मोइत्रा को सदन में बोलने का मौका दिया जाए, जिसे स्पीकर बिरला ने खारिज कर दिया. 

Advertisement

बिरला ने कहा कि 2005 में तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने 10 लोकसभा सांसदों की सदस्यता रद्द करने के निर्देश दिए थे. ये सासंद भी कैश फॉर क्वेरी मामले में शामिल थे. इस बीच जोशी ने कहा कि 2005 में सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने खुद इन 10 सांसदों की सदस्यता रद्द करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था.

ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष ने आचार समिति की सिफारिशों पर महुआ मोइत्रा को सदन में बोलने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब उचित निर्णय लेने पड़ते हैं. सदन उच्च मर्यादाओं से चलता है. यह सर्वोच्च पीठ है. बिरला ने कहा कि यह सदन का सामूहिक कर्तव्य है कि वह ऐसे कदम उठाएं, जिससे सदन की गरिमा को बनाया रखा जा सके. इस तरह आधे घंटे की चर्चा के बाद ध्वनिमत से रिपोर्ट की सिफारिशें मान ली गईं और महुआ मोइत्रा की सांसद सदस्यता रद्द कर दी गई.

महुआ मोइत्रा पर क्या थे आरोप?

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि महुआ मोइत्रा ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछे थे. 

दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर कहा था कि महुआ मोइत्रा ने संसद में अब तक 61 सवाल पूछे हैं, जिनमें से 50 अडानी ग्रुप से जुड़े थे. उनका कहना था कि मोइत्रा ने ऐसे सवाल पूछकर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के हितों की रक्षा कर आपराधिक साजिश रची है. निशिकांत दुबे ने ये दावा एडवोकेट जय अनंत देहरदई की रिसर्च के आधार पर किया था.

Advertisement

इतना ही नहीं, दुबे ने ये सवाल उठाया था कि इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि क्या महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी और हीरानंदानी ग्रुप को लोकसभा वेबसाइट के लिए अपने लॉगइन क्रेडेंशियल दिए थे? ताकि वो इसका इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए कर सकें. 

इस बीच एथिक्स कमेटी को दिया गया हीरानंदानी का एफिडेविट भी सामने आ गया था. इस हलफनामे में हीरानंदानी ने कबूल किया था कि महुआ ने उनके साथ अपनी संसदीय लॉग इन आईडी और पासवर्ड शेयर किया था, जिससे वो (हीरानंदानी) महुआ की तरफ से सवाल कर सकें.

महुआ ने भी इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने अपना लॉगइन आईडी दर्शन को दिया था, ताकि वो उनकी तरफ से सवाल कर सकें. हालांकि, महुआ ने ये भी कहा था कि सवालों को टाइप करने के बाद मेरे मोबाइल पर एक ओटीपी आता था. मेरे ओटीपी देने के बाद ही सवाल सब्मिट होता था. इसलिए यह कहना कि दर्शन मेरी आईडी से लॉगइन करता था और खुद से सवाल टाइप करता था, ये हास्यास्पद है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement