अवैध धर्मांतरण के मामलों में शामिल मौलाना उमर गौतम, मौलाना कलीम सिद्दीकी और उनके 14 साथियों को एनआईए एटीएस कोर्ट ने दोषी करार दिया है. इस मामले में एक आरोपी इदरीस कुरैशी को हाई कोर्ट से स्टे मिल गया है. कोर्ट उनकी सजा का ऐलान कल करेगी.
एनआईए एटीएस कोर्ट के जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने इन सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में उन्हें दोषी पाया. कोर्ट ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 417, 120b, 153a, 153b, 295a, 121a, 123 और अवैध धर्मांतरण की धारा 3, 4, और 5 के तहत दोषी करार दिया.
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अदालत कल सुनाएगी दोषियों को सजा
अवैध धर्मांतरण के इस मामले में कुल 17 आरोपी थे, जिनमें से अब 16 दोषी करार दिए गए हैं. इन धाराओं के तहत आरोपियों को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. इसलिए इन दोषियों को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. केस का फैसला सुनाने के लिए जज त्रिपाठी ने कल का दिन निर्धारित किया है, जिसमें आरोपियों को उनकी सजा सुनाई जाएगी.
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मौलाना कलीम को 22 सितंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश एटीएस ने कथित तौर पर बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. 562 दिनों तक जेल में रहने के बाद, उन्हें अप्रैल 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. अभी तक, सिद्दीकी की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और उन्हें कानूनी जांच का सामना करना पड़ रहा था
हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस फैसले को चुनौती दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू हुई, जिसमें उनकी जमानत पर शर्तें लगाई गई. उनके एनसीआर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई और उन्हें ट्रैक करने के लिए अपने फोन का लोकेशन हमेशा ऑन रखने का भी निर्देश दिया गया था. अब जबकि वह मामले में दोषी पाए गए हैं, उनकी और अन्य दोषियों की सजा का कल ऐलान होगा.
संतोष शर्मा / आशीष श्रीवास्तव