तमिलनाडु के कुंभकोणम में पट्टेश्वरम मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल में 12वीं क्लास में पढ़ने वाले 17 साल के स्टूडेंट पर हमला कर दिया गया. जिससे छात्र की मौत हो गई. यह हमला 11वीं क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के एक ग्रुप द्वारा किया गया. घटना 4 दिसंबर की बताई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक स्टूडेंट घर लौट रहा था, तभी उस पर लकड़ी के ब्लॉक से हमला किया गया, जिससे वह ब्रेन डेड हो गया. स्टूडेंट की मौत के बाद 11वीं क्लास में पढ़ने वाले 15 स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया गया और केस को मर्डर में बदल दिया गया. मामले में BNS के सेक्शन 103, 296 (b), 118 (1), 351 (3), 190, 115 (1) और 118 (1) के तहत केस रजिस्टर किया गया है.
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घटना को लेकर स्टूडेंट्स वेलफेयर ने जताई चिंता
घटना को लेकर एजुकेशनल डेवलपमेंट वेलफेयर के प्रेसिडेंट अंबुमणि रामदास ने कहा कि यह चिंता की बात है कि ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स बेवजह के झगड़ों में पड़ रहे हैं. स्टूडेंट्स का ध्यान गलत रास्तों की ओर भटक रहा है. किसी भी स्कूल में, खासकर सरकारी स्कूलों में, स्टूडेंट्स को कंट्रोल करना टीचर्स के लिए बहुत मुश्किल हो गया है. अगर माहौल एक कारण है, तो टीचर्स के अधिकार में कमी एक और वजह है. इससे एजुकेशनल डेवलपमेंट या स्टूडेंट वेलफेयर में मदद नहीं मिलती.
सभी स्कूलों में, खासकर सरकारी स्कूलों में क्लास के साथ-साथ स्टूडेंट्स का ध्यान भटकने से रोकने के लिए दूसरी कलाएं भी सिखाई जानी चाहिए. हर क्लास में हर हफ़्ते कम से कम दो पीरियड के लिए मोरल एजुकेशन क्लास होनी चाहिए. सबसे बढ़कर, पेरेंट्स को अपने बच्चों की एक्टिविटीज़ पर नज़र रखनी चाहिए. उन्हें क्लास टीचर्स के साथ अपने व्यवहार पर बात करनी चाहिए और टीचर्स द्वारा उनके बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए उठाए जाने वाले कदमों में सहयोग करना चाहिए.
प्रमोद माधव