कोलकाता के बऊ बाजार (Bow Bazar) में मेट्रो कंस्ट्रक्शन का काम बड़ी परेशानी का सबब बन गया है. कहा जा रहा है कि इलाके में कोलकाता मेट्रो के काम से कई घरों को नुकसान पहुंचा है. कम से कम दस घरों में दरारें आ गई हैं, जिसके बाद प्रशासन ने इन घरों को खाली कराने का आदेश दे दिया. इसके बाद शुक्रवार तड़के लोगों से घर खाली करा दिए गए.
प्रशासन के इस फैसले के बाद सुबह होते ही कई परिवार बेघर हो गए. इस बीच यहां के स्थानीय लोगों में मेट्रो रेल प्रशासन को लेकर गुस्सा है. लोगों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि घरों में दरार आने के बाद मेट्रो रेल प्रशासन के प्रतिनिधि उनसे मिले तक नहीं.
सरकार ने प्रभावितों को अस्थाई तौर पर होटल्स में शिफ्ट करने का आधिकारिक नोटिस जारी किया है. लेकिन प्रभावित परिवारों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही से वे बेघर हो गए हैं.
ऐसा कहा जा रहा है कि इन दरारें पर शुक्रवार सुबह 4.30 बजे स्थानीय लोगों की नजर पड़ी. कम से कम 10 घरों को नुकसान पहुंचा है. रात से ही इन घरों में रहने वाले लोग अपना सामान पैक कर सड़कों पर बैठे दिखाई दिए. पुलिस ने इलाके को खाली करने के आदेश दे दिए हैं. प्रभावित घरों की चारों ओर से बैरिकेडिंग कर दी गई है.
इसके बाद मेट्रो रेल प्रशासन ने अपने तीन प्रतिनिधि प्रभावित परिवारों के पास भेजे लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें इलाके में आने ही नहीं दिया. बाद में मेट्रो रेल अधिकारियों और इंजीनियर्स ने इलाके का दौरा किया.
बता दें कि 2019 में ईस्ट वेस्ट मेट्रो रेल का काम शुरू होने के बाद से ही बो बाजार में तनाव शुरू हो गया. एक के बाद एक कई घरों में दरारे आनी शुरू हो गई. 2019 में कुछ घर तो ढह ही गए थे. उस समय 600 से अधिक लोगों को सकुशल इलाके से बाहर निकाला गया था. यहां तक कि इस साल मई में दुर्गापिटुरी लेन, मदन दत्ता लेन में कई घरों को नुकसान पहुंचा था. इस दौरान कई लोगों को अस्थाई तौर पर होटलों में शिफ्ट किया गया.
इस बीच इलाके के पार्षद बिश्वरूप डे मौके पर पहुंचे और उन्होंने इस पूरी घटना को लेकर रोष जताया. उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल प्रशासन लोगों के साथ भेड़-बकरियों की तरह व्यवहार कर रहे हैं. इन लोगों की जिम्मेदारी कौन लेगा. हमने मामले में मेट्रो रेल प्रशासन से लिखित बयान मांगा है.
(इनपुट: अनिर्बान सिन्हा रॉय)
aajtak.in