केरल: अरातुपुझा उत्सव में अचानक हमलावर हुए दो हाथी, मच गई भगदड़, देखें Video

केरल के त्रिशूर में अरातुपुझा उत्सव (Arattupuzha festival) के दौरान दो हाथी अचानक आपस में लड़ने लगे. इस दौरान मेले में आए लोगों के बीच भगदड़ मच गई. लोग इधर-उधर जान बचाकर भागने लगे. इस घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह से हाथी आपस में एक दूसरे पर हमलावर हो गए. कड़ी मशक्कत के बाद हाथियों को काबू किया जा सका.

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आपस में लड़ने लगे हाथी. (Video Grab) आपस में लड़ने लगे हाथी. (Video Grab)

aajtak.in

  • त्रिशूर,
  • 23 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 10:13 AM IST

केरल के त्रिशूर (Kerala Thrissur) में अरातुपुझा उत्सव (Arattupuzha festival) चल रहा है. इस दौरान एक हाथी (Elephant) ने दूसरे हाथी पर हमला कर दिया. हाथियों को उत्सव में रस्म के तौर पर लाया गया था. घटना में तीन लोगों को मामूली चोटें आईं. यह घटना कल रात करीब साढ़े दस बजे की है. जब विदाई समारोह चल रहा था, तभी दो हाथी आपस में भिड़ गए.

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उत्सव में लाए गए हाथी एक-दूसरे पर हमलावर हो गए. इस दौरान मेला देखने आए लोग इधर उधर भागने लगे. मेले में अफरा-तफरी की स्थिति हो गई. इसके बाद सुरक्षा टीम ने हाथी को रात करीब 11 बजे तक कंट्रोल कर लिया.

यहां देखें Video

प्राचीन मंदिर में हर साल आयोजित किया जाता है मेला महोत्सव

प्राचीन अरातुपुझा मंदिर में देव मेला महोत्सव आयोजित किया जाता है. यहां पुरम का प्रदर्शन हाथियों की पीठ पर किया जाता है. प्रत्येक हाथी एक देवता का प्रतिनिधित्व करता है. अरातुपुझा मंदिर केरल के त्रिशूर के अरातुपुझा में है. यह मंदिर 3,000 वर्ष से भी पुराना माना जाता है.

प्राचीन मंदिर को लेकर क्या है धार्मिक मान्यता?

8वीं सदी में इस मंदिर का डेवलपमेंट कराया गया. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की मूर्ति में श्री राम के गुरु गुरु वशिष्ठ की दिव्य आत्मा निवास करती है. यहां थिरुट, अता, नालिकेरामदुकल और करिकाभिषेकम प्रमुख प्रसाद हैं. दुख दूर करने और कार्यसिद्धि के लिए श्रद्धालु यहां कामना लेकर पहुंचते हैं. अरातुपुझा मंदिर कोचीन देवास्वोम बोर्ड के अधीन है.

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