आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि हिंदू 'समाज' तभी 'फल-फूल' सकता है, जब हिंदू समाज के अंदर एकता रहेगी और ये आपस में एकजुट रहेंगे. उन्होंने जाति, क्षेत्र या भाषा की परवाह किए बिना सभी हिंदुओं को एक होने का आह्वान किया. भागवत ने केरल के चेरुकोलपुझा हिंदू धार्मिक बैठक में आयोजित हिंदू एकता सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि एकजुट समाज फलता-फूलता है, जबकि जो विभाजित होता है वह सूख जाता है.
उन्होंने आगे कहा कि हिंदू होना एक स्वभाव है जहां लोग ज्ञान का उपयोग ज्ञान बढ़ाने के लिए, धन का उपयोग दान के लिए और शक्ति का उपयोग कमजोरों की मदद करने के लिए करते हैं. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हिंदू धर्म में कोई भी श्रेष्ठ या निम्न नहीं है. इस धर्म में जाति कोई मायने नहीं रखती है.
पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी बनना है
मोहन भागवत ने सभी से दूसरों का सम्मान करने का आग्रह किया और कहा कि अगर सभी हिंदू एकजुट हो जाएं, तो इससे दुनिया को फायदा होगा. वहीं भागवत ने इस एकता को हासिल करने के तरीके भी सुझाए, जिनमें स्वयं को जानना, सभी के साथ समान व्यवहार करना और पर्यावरण की रक्षा करना शामिल है.
उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए नीति में बदलाव करने में समय लगेगा. हालांकि उन्होंने तीन सुझाव दिए और कहा कि लोग तीन छोटी चीजें कर सकते हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि वो पानी बचाएं, पेड़ लगाएं और प्लास्टिक को खत्म करें, जिससे पर्यावरण की रक्षा होगी.
'पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है'
मोहन भागवत ने सवाल किया कि हमारे युवा नशे के आदी क्यों हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि घर में कोई संस्कार नहीं हैं. भागवत ने कहा कि अगर हर कोई एकजुट होकर काम करे तो हिंदू एकता हासिल की जा सकती है. पूरी दुनिया हिंदुस्तान को रास्ता दिखाने का इंतजार कर रही है. भागवत दो दिवसीय यात्रा पर केरल में हैं और छह फरवरी को वो केरल से वापस आएंगे. बता दें कि आरएसएस प्रमुख संगठनात्मक गतिविधियों के तहत जनवरी में छह दिनों के लिए राज्य में थे.
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