केरल के मुख्य सचिव डॉ वी वेणु ने एक बयान जारी करते हुए साफ कर दिया है कि कि राज्य में ‘विदेश सचिव’ जैसा कोई पद नहीं है. उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट की भी कड़ी आलोचना की, जिसमें कहा गया था कि सरकार ने राज्य में एक आईएएस अधिकारी को ‘विदेश सचिव’ नियुक्त किया है. उन्होंने रिपोर्ट को फर्जी बताया.
मुख्य सचिव से पूछा गया कि क्या राज्य सरकार ने विदेश सचिव की नियुक्ति का आदेश जारी किया है? तो उनका जवाब था- नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोग इस बुनियादी तथ्य से अंजान नहीं हैं कि विदेशी मामले केंद्र सरकार का विषय हैं.
बनाया है विदेशी सहयोग का विभाग
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह खबर फर्जी है. उन्होंने कहा कि हकीकत ये है कि राज्य सरकार ने कुछ समय पहले वाणिज्यिक, औद्योगिक और सांस्कृतिक सहयोग के लिए विदेशी एजेंसियों, बहुपक्षीय संस्थानों और दूतावासों के साथ बातचीत के कॉर्डिनेशन के लिए विदेशी सहयोग (External Cooperation) का एक प्रभाग बनाया था.
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उन्होंने कहा कि सरकार ने ये चीजें विदेशों के साथ राजनयिक संबंध बनाने और केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए नहीं, बल्कि राज्य के विकास के लिए नए संबंध स्थापित करने के प्रयास के तहत की हैं.
नियुक्ति को लेकर दिया स्पष्टीकरण
उन्होंने कहा, “कई विदेशी एजेंसियां, बहुपक्षीय एजेंसियां, विदेशी देशों के दूतावासों में काम करने वाली संस्थाएं और प्रतिनिधिमंडल केरल राज्य सरकार के साथ-साथ अन्य राज्य सरकारों के साथ नियमित संपर्क में रहते हैं. आपसी सहयोग के माध्यम से, वाणिज्यिक, औद्योगिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहकारी संबंध बनते हैं. जब राज्य के मुख्यमंत्री या मंत्री विदेश जाते हैं, तो वहां हुई चर्चाओं के परिणामस्वरूप, कई प्रतिनिधि नए संपर्क बनाने के लिए केरल आते हैं. बीते वर्षों में इन्हें अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी के रूप में देखा जाता था. जब इस तरह की चर्चाओं की संख्या बढ़ी तो महसूस किया गया कि बेहतर तालमेल की जरूरत है”.
“प्रधान सचिव श्री सुमन बिल्ला, जो हाल ही में राज्य सेवा में थे, इसके प्रभारी थे. जब वे केंद्रीय सेवा में चले गए, तो उनका प्रभात श्रीमती वासुकी को दे दिया. आदेश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि क्या करने की जरूरत है”
शिबिमोल