कर्नाटक की सियासत में गुरुवार को इस चर्चा ने हलचल मचा दी कि अगले महीने यानी नवंबर में कांग्रेस सरकार में बड़ा फेरबदल हो सकता है. हालांकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके कैबिनेट सहयोगी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं. इसी बीच, सिद्धारमैया 13 अक्टूबर को अपने मंत्रियों और सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों के लिए लंच का आयोजन करने वाले हैं.
इन अटकलों की शुरुआत तब हुई जब कुछ कांग्रेस विधायकों ने खुले तौर पर यह इच्छा जताई कि उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाया जाए. कांग्रेस के अंदर ही अब 'पद परिवर्तन' यानी नेतृत्व बदलने की चर्चा जोरों पर है. कहा जा रहा है कि नवंबर के आखिर तक सत्ता हस्तांतरण हो सकता है.
'पावर शेयरिंग' फॉर्मूले पर बनेगी बात?
सूत्रों का कहना है कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कोई 'पावर शेयरिंग समझौता' यानी सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला भी तय हो सकता है. मई 2023 में विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कड़ी टक्कर थी. आखिरकार कांग्रेस हाईकमान ने शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करने के लिए मना लिया था.
सभी को मंजूर हाईकमान का हुक्म
तब यह खबरें आई थीं कि एक 'रोटेशनल सीएम फॉर्मूला' यानी बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनने का समझौता हुआ है, जिसके तहत ढाई साल बाद शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद मिल सकता है. हालांकि पार्टी ने इसे कभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया. सिद्धारमैया कई बार कह चुके हैं कि वे अपना पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, लेकिन साथ ही यह भी दोहराते हैं कि जो भी फैसला पार्टी हाईकमान करेगा, वे उसी का पालन करेंगे.
दिग्गजों ने अटकलों को किया खारिज
फेरबदल की अटकलों पर टिप्पणी करने से बचते हुए शिवकुमार ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा, 'यह पार्टी हाईकमान और मुख्यमंत्री का मामला है. मैं इस पर कुछ नहीं बोलूंगा. अगर मुझे बुलाया जाएगा तो अपनी राय दूंगा. आप लोग भ्रम न फैलाएं.' गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने भी इन चर्चाओं को नकारते हुए कहा, 'ऐसे फैसले हाईकमान स्तर पर होते हैं. मुझे तो नहीं पता ये बातें कहां से आ रही हैं. किसने कहा कि (कैबिनेट) फेरबदल होगा?'
क्या बिहार चुनाव के बाद कर्नाटक में होगा खेल?
वहीं मधुगिरि के विधायक के. एन. राजन्ना, जिन्हें अगस्त में मंत्रिमंडल से हटाया गया था, ने संकेत दिया कि 'बिहार विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद' नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी फेरबदल में उन्हें फिर से मंत्री बनाया जा सकता है. कई मंत्री जैसे दिनेश गुंडू राव, प्रियंक खड़गे और शरण प्रकाश पाटिल ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
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