इजरायल और आतंकी संगठन हमास में जारी जंग के बीच भारत में फिलिस्तीनी राजदूत अदनान अबू अलहैजा ने इंडिया टुडे से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इजरायल ने हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा है. हमें दोयम दर्जे के नागरिकों में धकेल दिया. उन्होंने कहा कि अगर हमारी जमीन पर कब्जा न होता, तो न हमास होता और न ही युद्ध होता और न ही कोई संघर्ष होता.
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अदनान अबू अलहैजा ने कहा, इजरायल के कब्जे को खत्म किया जाना चाहिए. सबसे पहले इस कब्जे की आलोचना की जानी चाहिए. हमास आतंकियों द्वारा इजरायल में निर्दोषों की हत्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे हमास द्वारा किसी भी नागरिक की हत्या की निंदा करते हैं. हालांकि, उन्होंने पूछा कि क्या इजराइल फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्याओं की निंदा करेगा?
अलहैजा ने कहा, मुझे लगता है कि गाजा में जो हो रहा है, इजरायल द्वारा की जा रही बमबारी में खूनखराबा हो रहा है. आज ही हमने सैकड़ों लोगों को खोया है. इनमें से कई बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं.
उन्होंने कहा, क्या आपने पहली बार देखा है कि इस तरह से नागरिक मारे गए हैं. इससे पहले फिलिस्तानी नागरिक मारे गए, तब नहीं देखा गया. इस साल की शुरुआत में पश्चिमी बैंक में इजरायली सेना द्वारा 280 से ज्यादा लोगों की हत्या की गई. इस बारे में कोई बात नहीं करता. हमारा मानना है कि कहीं भी नागरिकों की मौत हो, चाहें वो इजरायल हो या फिलिस्तीन इसकी आलोचना होना चाहिए. हमारा मानना है कि नागरिकों को कहीं भी सुरक्षित रहने का अधिकार होना चाहिए.
फिलिस्तीनी राजदूत ने कहा, इजरायल ही एक ऐसा देश है, जो कभी अंतरराष्ट्रीय कानून को नहीं मानता है. यूएन ने 800 से ज्यादा प्रस्ताव पास किए, लेकिन इजरायल ने एक भी प्रस्ताव नहीं माना. 1993 में हमारा समझौता हुआ था, हमें उम्मीद थी कि हम आजाद हो जाएंगे और इजरायल के साथ पड़ोसी देश और भाई की तरह रहेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. फिलिस्तीन को कोई अधिकार नहीं दिया गया. हम गाजा और पश्चिमी बैंक में 60 लाख लोग रहते हैं. हम शांति देखना चाहते है. हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे भी अन्य बच्चों की तरह खेले. उन्हें मारा न जाए.
राजदीप सरदेसाई