दिल्ली में चल रहे DGP/IGP कॉन्फ्रेंस के लिए देश के IPS अधिकारियों का एक आर्टिकल संग्रह तैयार किया गया है, जिसमें अलग-अलग फील्ड के एक्सपर्ट अधिकारियों ने लेख लिखे हैं. 446 पेज की इस सारांश रिपोर्ट में 16 टॉपिक पर 192 पेपर्स छापे गए हैं, जिसके 3 अलग-अलग वॉल्यूम हैं.
इस रिपोर्ट के हर वॉल्यूम में 6 टॉपिक हैं, जिसमें 65 ऑफिसर्स ने अपने-अपने पेपर्स सबमिट किए हैं. हालांकि इस रिपोर्ट को पहले police.gov.in वेबसाइट पर अपलोड किया था उसके बाद इसको हटा लिया गया है. पहले वॉल्यूम में 16 टॉपिक पर लैंड बॉर्डर की सुरक्षा करना है. वहीं दूसरे में खालिस्तानी आतंकी और उसके नेटवर्क के बारे में जानकारी दी गई. इसके बाद स्लीपर सेल और लोन वोल्फ अटैक, क्रिप्टो करेंसी, नक्सल के गढ़ पर टारगेट और रेडिकलाइजेशन व उसके चैलेंज है.
रेडिकलाइजेशन पर 13 IPS ने लिखे नोट
रेडिकलाइजेशन और इससे निपटने के चैलेंज को लेकर 13 आईपीएस अधिकारियों ने अलग-अलग तरीके के आर्टिकल लिखे हैं, जिसमें मुस्लिम रेडिकलाइजेशन और बैन होने के बाद पीएफआई की गतिविधियों को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई है. एक आईपीएस अधिकारी ने रेडिकलाइजेशन (विशेष रूप से मुस्लिम युवाओं का) महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है.
मुस्लिम युवाओं के रेडिकलाइजेशन का जिक्र
लेख के मुताबिक, हमारे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कई रेडिकल मुस्लिम संगठन हैं. भारत में सक्रिय मुस्लिम संगठन इसमें लगे हुए हैं और युवाओं को इस ओर धकेलने में जुटे हैं. इस सारांश आर्टिकल में लिखा गया है कि कट्टरपंथी संगठनों से निपटने के लिए हमें पहले उनकी विशेषताएं पहचान करनी होगी.
भारत में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), सिमी, वहदत-ए-इस्लामी, इस्लामिक यूथ फेडरेशन, हिज्ब-उत तहरीर और अल-उम्मा कुछ ऐसे मुस्लिम संगठन हैं, जो इस श्रेणी में आते हैं. इन मुस्लिम संगठनों में पीएफआई था, जो सबसे शक्तिशाली कट्टरपंथी संगठन जिसको MHA ने बैन कर दिया है.
हिंदू रेडिकलाइजेशन के बारे में भी जानकारी
वहीं राजस्थान के टोंक जिले के SP ने कहा कि हिंदू रेडिकलाइजेशन के बारे में भी जानकारी मिली है. इस नोट में यह कहा गया है कि मुस्लिम रेडिकलाइजेशन के साथ-साथ हिंदू रेडिकलाइजेशन के बारे जानकारी में पता चली है. राजस्थान के टोंक के एसपी मनीष त्रिपाठी ने अपने नोट में ऐसी जानकारी दी है हालांकि यह तमाम नोट को ऑनलाइन हटा लिया गया है.
लेह लद्दाख के एसपी की रिपोर्ट
वहीं इस दौरान लेह लद्दाख के एसपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि दौलत बेग ओल्डी या डेपसांग के मैदानी क्षेत्रों में सीमा पर्यटन को तेजी से बढ़ावा मिले. एसपी पीडी नित्या की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी लद्दाख में विवाद के बीच चीन की कई नापाक चाल एजेंसियों को पता चली हैं. ऐसा रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन पूर्वी लद्दाख में मजबूत रणनीतिक उपस्थिति के लिए सैन्य ताकत बढ़ा रहा है.
20 से 22 जनवरी 2023 को दिल्ली में हुई डीजीपी और आईजीपी कॉन्फ्रेंस के दौरान लद्दाख की एसपी के द्वारा एक पेपर पेश किया गया था, जिसमें चीन की गतिविधियों के बारे में कई जानकारी दी गई थी. जानकारी के मुताबिक, चीन पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में मजबूत आर्थिक और सामरिक मौजूदगी चाहता है. यही वजह है कि चीन अधिक क्षेत्रों में आक्रामक रूप से अपनी सैन्य ताकत का विस्तार करने में जुटा है. आईपीएस अधिकारी ओर से तैयार किए गए नोट में कहा गया है कि चीन के वन बेल्ट वन रोड और CPEC को देखते हुए भारत की सीमा रक्षा रणनीति को भविष्य लिए नए तरीके और तकनीक से तैयार किया जाना चाहिए.
जितेंद्र बहादुर सिंह