आने वाले दिनों में अगर भारतीय सेनाएं बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक की तर्ज़ पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों का ख़ात्मा करना चाहें तो इसके लिए सेना को वहां घुसकर ऑपरेशन करने की ज़रूरत नहीं होगी. अमेरिका ने जिस तरह ड्रोन स्ट्राइक में अल कायदा के चीफ अल जवाहिरी और दुनिया के कई दूसरे देशों में अपने दुश्मनों को ढेर किया था, अब भारतीय वायुसेना के पास भी एक ऐसा गेम चेंजर हथियार आ गया है, जिसका नाम है हेरोन ड्रोन मार्क-2. इजरायल से लिए गये हेरोन ड्रोन्स कई खूबियों से लैस है.
तीनों सेनाओं के लिए किया जाएगा तैयार
हेरोन ड्रोन मार्क-2 को हाल ही में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है. आने वाले दिनों में इसे तीनों सेनाओं के लिए तैयार किया जाएगा ताकि जरुरत पड़ने पर दुश्मन के खिलाफ आक्रामक हमला किया जा सके. अब हम आपको हेरोन ड्रोन मार्क-2 की मारक क्षमता से रूबरू कराते हैं. हेरोन ड्रोन मार्क-2 सैटेलाइट से नियंत्रित होने वाला ड्रोन है जो 250 किलोग्राम हथियार लेकर उड़ सकता है.
इन खूबियों से है लैस
इस ड्रोन की सबसे बड़ी बात ये है कि ये आसमान से ही टारगेट को लॉक करके उसकी सटीक पोजिशन आर्टिलरी यानी टैंक या इंफ्रारेड सीकर मिसाइल को दे सकता है, यानी सीमा के इस पास से ड्रोन से मिले सटीक टारगेट पर हमला किया जा सकता है.
भारत के लिए है बेहद फायदेमंद
आइए आपको बताते हैं कि हेरोन ड्रोन्स किस तरह से फायदेमंद है. चीन की सेना लद्दाख सीमा के इस पार या उस पार भारत के खिलाफ कोई 'नापाक' हरकत करेगी तो तुरंत पता चल जाएगा. चीन के साथ पिछले साल चल रहे सीमा विवाद के वक्त भारतीय सेना को इजरायल ने ये ड्रोन्स दिए हैं. जिनके कैमरे, सेंसर्स और राडार किसी बाज की नजरों की तरह तेज हैं. इन्हें लद्दाख सेक्टर तैनात किया गया था.
पीएम के विशेष अधिकार के तहत मंगाए गए
इन ड्रोन्स को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमरजेंसी फाइनेंसियल पावर के तहत मंगाया गया है ताकि देश की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता न किया जाए. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय सेना इसका उपयोग सीमाओं की निगरानी और आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए करेगी.
इसके अलावा भारतीय नौसेना इसकी मदद से हिंद महासागर, अरब सागर, बंगाल की खाड़ी समेत कई अन्य तटीय इलाकों पर घुसपैठ और चीनी हरकतों पर नजर रख सकेगी. खास बात ये है कि इस ड्रोन की मदद से आप समुद्र के अंदर भी झांक सकते हैं. यह पानी की गहराई में मौजूद पनडुब्बियों पर भी नजर रख सकती है. साथ ही इसके थर्मल सेंसर कैमरा रात के अंधेरे में होने वाले इंसानी मूवमेंट को पकड़ सकते हैं.
मंजीत नेगी