हेरोन ड्रोन: जिस ड्रोन से US ने मारा अल कायदा चीफ, भारत को मिला वैसा ही गेमचेंजर हथियार

लड़ाकू ड्रोन हेरॉन मार्क 2 दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलों जैसे हथियारों को फायर कर सकता है.यह ड्रोन किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है. इसके कम्यूनिकेशन सिस्टम सीधे तौर पर ग्राउंड स्टेशन से संपर्क में तो रहते ही है.

Advertisement
भारतीय वायु सेना में शामिल हुआ हेरॉन Mark2 Drone भारतीय वायु सेना में शामिल हुआ हेरॉन Mark2 Drone

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

आने वाले दिनों में अगर भारतीय सेनाएं बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक की तर्ज़ पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों का ख़ात्मा करना चाहें तो इसके लिए सेना को वहां घुसकर ऑपरेशन करने की ज़रूरत नहीं होगी. अमेरिका ने जिस तरह ड्रोन स्ट्राइक में अल कायदा के चीफ अल जवाहिरी और दुनिया के कई दूसरे देशों में अपने दुश्मनों को ढेर किया था, अब भारतीय वायुसेना के पास भी एक ऐसा गेम चेंजर हथियार आ गया है, जिसका नाम है हेरोन ड्रोन मार्क-2. इजरायल से लिए गये हेरोन ड्रोन्स कई खूबियों से लैस है. 

Advertisement

तीनों सेनाओं के लिए किया जाएगा तैयार

हेरोन ड्रोन मार्क-2 को हाल ही में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है. आने वाले दिनों में इसे तीनों सेनाओं के लिए तैयार किया जाएगा ताकि जरुरत पड़ने पर दुश्मन के खिलाफ आक्रामक हमला किया जा सके. अब हम आपको हेरोन ड्रोन मार्क-2 की मारक क्षमता से रूबरू कराते हैं. हेरोन ड्रोन मार्क-2 सैटेलाइट से नियंत्रित होने वाला ड्रोन है जो 250 किलोग्राम हथियार लेकर उड़ सकता है. 

इन खूबियों से है लैस

  • इसमें थर्मोग्राफिक कैमरा, एयरबॉर्न सर्विलांस विजिबल लाइट, राडार सिस्टम आदि लगा होता है. यह अपने बेस से उड़कर खुद ही मिशन पूरा करके बेस पर लौट आता है.
  • हेरोन ड्रोन्स को लेज़र गाइडेड बम, हवा से जमीन, हवा से हवा और हवा से एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस किया जाना है.
  •  हेरोन ड्रोन एक बार हवा में उठा तो 36 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है और यह जमीन से 35 हजार फीट यानी साढ़े दस किलोमीटर की ऊंचाई पर बेहद शांति से उड़ता रहता है.
  •  इसे नियंत्रित करने के लिए जमीन पर एक ग्राउंड स्टेशन बनाया जाता है, जिसमें मैन्युअल और ऑटोमैटिक कंट्रोल सिस्टम होता है. 
  • यह ड्रोन किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है. इसके कम्यूनिकेशन सिस्टम सीधे तौर पर ग्राउंड स्टेशन से संपर्क में तो रहते ही है.
  • इसके अलावा इसकी संचार प्रणाली को सैटेलाइट के जरिए भी लिंक किया जा सकता है और इसके नेविगेशन के लिए प्री-प्रोगाम्ड फुली ऑटोमैटिक नेविगेशन को चलाया जा सकता है. या फिर मैन्युअली आप रिमोट से इसे नेविगेट कर सकते हैं. इसका कुल वजन 250 किलोग्राम है.
  • सबसे खास बात ये है कि इन ड्रोन्स को किसी तरह से भी जैम नहीं किया जा सकता. यानी इनमें एंटी-जैमिंग तकनीक लगी है। जो पहले के ड्रोन्स की तुलना में ज्यादा दमदार है.
  • हेरोन ड्रोन में कई तरह के सेंसर्स और कैमरा लगे हैं, जैसे- थर्मोग्राफिक कैमरा यानी इंफ्रारेड कैमरा जो रात में या अंधेरे में देखने में मदद करते हैं. इसके अलावा विजिबल लाइट एयरबॉर्न ग्राउंड सर्विलांस जो दिन की रोशनी में तस्वीरें लेता है. साथ ही इंटेलिजेंस सिस्टम्स समेत कई तरह के राडार सिस्टम लगे है. 

इस ड्रोन की सबसे बड़ी बात ये है कि ये आसमान से ही टारगेट को लॉक करके उसकी सटीक पोजिशन आर्टिलरी यानी टैंक या इंफ्रारेड सीकर मिसाइल को दे सकता है, यानी सीमा के इस पास से ड्रोन से मिले सटीक टारगेट पर हमला किया जा सकता है.

Advertisement

भारत के लिए है बेहद फायदेमंद

आइए आपको बताते हैं कि हेरोन ड्रोन्स किस तरह से फायदेमंद है. चीन की सेना लद्दाख सीमा के इस पार या उस पार भारत के खिलाफ कोई 'नापाक' हरकत करेगी तो तुरंत पता चल जाएगा. चीन के साथ पिछले साल चल रहे सीमा विवाद के वक्त भारतीय सेना को इजरायल ने ये ड्रोन्स दिए हैं. जिनके कैमरे, सेंसर्स और राडार किसी बाज की नजरों की तरह तेज हैं. इन्हें लद्दाख सेक्टर तैनात किया गया था.

पीएम के विशेष अधिकार के तहत मंगाए गए

इन ड्रोन्स को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमरजेंसी फाइनेंसियल पावर के तहत मंगाया गया है ताकि देश की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता न किया जाए. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय सेना इसका उपयोग सीमाओं की निगरानी और आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए करेगी.

इसके अलावा भारतीय नौसेना इसकी मदद से हिंद महासागर, अरब सागर, बंगाल की खाड़ी समेत कई अन्य तटीय इलाकों पर घुसपैठ और चीनी हरकतों पर नजर रख सकेगी. खास बात ये है कि इस ड्रोन की मदद से आप समुद्र के अंदर भी झांक सकते हैं. यह पानी की गहराई में मौजूद पनडुब्बियों पर भी नजर रख सकती है. साथ ही इसके थर्मल सेंसर कैमरा रात के अंधेरे में होने वाले इंसानी मूवमेंट को पकड़ सकते हैं.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement