तिरंगा, हमारी आन-बान और शान है. देश के जवान तिरंगे की रक्षा के लिए अपनी जान तक न्यौछावर कर देते हैं. वहीं आम लोग सही तरीके से तिरंगे को फहराएं और उसके सम्मान में कमी ना आए, इसके लिए सरकार ने ध्वज संहिता (Flag Code of India) बनाई है. इसमें प्रावधान है कि यदि तिरंगा सही स्थिति में ना हो तो उसे फहराना अपराध है, तो फिर ऐसे तिरंगे का हम और आप क्या कर सकते हैं?
ध्वज संहिता में झंडे के सम्मान के तौर-तरीकों का विस्तार से वर्णन है. साथ ही ये भी बताया गया है कि झंडे को कैसे और किन परिस्थितियों में फहराया जा सकता है, जबकि कब और किन हालातों में इसे फहराना निषेध है.
तिरंगे के अपमान पर होगी सजा
ध्वज संहिता के भाग-दो में जीर्ण-शीर्ण राष्ट्रध्वज को पूरी तरह नष्ट करने की विधि का वर्णन है. राष्ट्रीय गौरव अपमान निरोधक अधिनियम की धारा दो में भी इसकी जानकारी दी गई है. धारा-2 के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति का सार्वजनिक जगह या ऐसी जगह पर जहां किसी की दृष्टि पड़ती हो, वहां राष्ट्रध्वज को अपमानित करना दंडनीय अपराध है. यानी तिरंगे या उसके किसी हिस्से को फाड़ना, जलाना, कुचलना, दूषित या विकृत करना अथवा विरूपित करना दंडनीय अपराध है. इसके लिए 3 साल की जेल और अदालत की ओर से तय आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है.
नहीं फहराना चाहिए ऐसा तिरंगा
ध्वज संहिता के भाग-दो की धारा-दो के अनुच्छेद-दो के उपबंध 22(ii) के मुताबिक क्षतिग्रस्त, कटा-फटा या फिर उड़े रंगों वाला अस्त-व्यस्त ध्वज नहीं फहराना चाहिए. उपबंध 22 (xiii) में कहा गया है कि जब राष्ट्रध्वज का कलेवर जीर्ण हो जाए यानी वो क्षतिग्रस्त या बदरंग हो जाए या फिर कट फट जाए तो उसे एकांत में पूर्ण सम्मान के साथ जलाकर या दफना कर सही तरीके से नष्ट कर दिया जाना चाहिए, ताकि तिरंगे की गरिमा और महिमा बनी रहे.
ये ध्वज को नष्ट करने का सही तरीका
सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट जेपी ढांडा के मुताबिक ध्वज संहिता संहिता की धारा-5 के उपबंध 3(25) में ध्वज को पूरी तरह जलाने या ध्वज के गौरव व गरिमा के अनुसार कोई अन्य समुचित उपाय से पूरी तरह नष्ट या निपटान करने की बात कही गई है. इसके मुताबिक नितांत एकांत में जहां कोई और ना देखे वहां पवित्र भूमि पर पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ जीर्ण-शीर्ण ध्वज को सही तरीके से तह करके लकड़ी के बक्से में रखकर गहराई में गाड़ देना चाहिए. ध्वज को कायदे से तह करने का तरीका ये है कि केसरिया रंग पर हरे रंग की पट्टी की तह ऐसे बनाई जाए कि सफेद रंग पर बना चक्र सबसे ऊपर दिखाई दे.
ध्वज को जलाने का भी विकल्प नागरिकों के पास है. नागरिक एकांत में जीर्ण ध्वज को पूरे सम्मान के साथ पूरी तरह जला दें. उसकी राख को या तो जमीन में दबा दें या किसी पवित्र नदी की धारा में बहा दें.
देश में राष्ट्रध्वज तिरंगे के साथ ही अन्य प्रतीकों के सम्मान की रक्षा के लिए बकायदा कानून हैं. राष्ट्र ध्वज के लिए जहां ध्वज संहिता है. वहीं राष्ट्रीय गौरव और प्रतीक चिह्नों के भी अधिनियम हैं.
संजय शर्मा