राज्यसभा से निलंबन केस में AAP सांसद राघव चड्ढा की याचिका पर 1 दिसंबर को सुनवाई

चड्ढा की ओर से पेश वकील शादान फरासत ने कहा कि शीतकालीन सत्र के लिए सदन को प्रश्न भेजने की समय सीमा जल्द ही समाप्त होने वाली है, इसलिए मामले को 29 नवंबर को सूचीबद्ध किया जा सकता है. CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले को 1 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.

Advertisement
राघव चड्ढा (फाइल फोटो) राघव चड्ढा (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:20 PM IST

राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 1 दिसंबर को सुनवाई होगी. दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राघव चड्ढा ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से अपने बर्ताव पर बिना शर्त माफी भी मांग ली है.

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के निर्देश के मुताबिक राघव चड्डा की राज्यसभा के सभापति से मुलाकात हुई है. संभव है कि राघव चड्डा को अभी संसद की प्रिविलेज कमेटी के सामने पेश होना पड़े. बेहतर होगा कि कोर्ट शुक्रवार तक के लिए सुनवाई टाल दे. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 1 दिसंबर के लिए टाल दी.

Advertisement

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राघव चड्डा से कहा था कि वो राज्यसभा सभापति से मिलकर उनसे बिना शर्त माफी मांगें. कोर्ट ने उम्मीद जताई थी कि राज्यसभा के लिए पहली बार निर्वाचित राघव चड्ढा की गलती और क्षमायाचना पर राज्यसभा के सभापति और देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राघव चड्डा का निलंबन खत्म करने पर सहानुभूति पूर्ण तरीके से विचार करेंगे. इससे राघव का निलबंन खत्म होने का रास्ता निकल सकता है.

CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले को 1 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. चड्ढा की ओर से पेश वकील शादान फरासत ने कहा कि शीतकालीन सत्र के लिए सदन को प्रश्न भेजने की समय सीमा जल्द ही समाप्त होने वाली है, इसलिए मामले को 29 नवंबर को सूचीबद्ध किया जा सकता है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने फरासत से कहा कि कभी-कभी शांत रहना और लाइनों के बीच पढ़ना बेहतर होता है. बेच ने मामले को 1 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.

Advertisement

बता दें कि राघव चड्ढा को राज्यसभा में दिल्ली में केंद्रीय कैडर के अधिकारियों की तैनाती और तबादलों के मुद्दे पर बनाए कानून पर कुछ सदस्यों का समर्थन पत्र देने के बाद 11 अगस्त को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि पत्र में जिन सदस्यों के नाम लिखे गए थे, उनमें से कुछ ने बिना सहमति के उनका नाम लिखने पर आपत्ति जताई थी. चड्ढा पर फर्जीवाड़ा कर सांसदों के विशेषाधिकार हनन करने का आरोप लगा था.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement