चेन्नई: अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में ज्ञानशेखरन दोषी करार, 2 जून को सुनाई जाएगी सजा

अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में एक महिला अदालत ने सबूतों और गवाहों के बयानों को ध्यान में रखते हुए ज्ञानशेखरन को दोषी करार दिया है. अदालत का फैसला सुनने के बाद ज्ञानशेखरन ने मां के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सजा में नरमी की मांग की है.

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अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले में अदालत ने ज्ञानशेखरन को ठहराया दोषी. अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले में अदालत ने ज्ञानशेखरन को ठहराया दोषी.

प्रमोद माधव

  • बेंगलुरु,
  • 28 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

चेन्नई की एक महिला कोर्ट ने बुधवार को अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी ज्ञानशेखरन को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि ज्ञानशेखरन के खिलाफ सभी आरोप साबित हो गए हैं. साथ ही अदालत ने इस मामले में सजा की अवधि तय करने के लिए 2 जून की तारीख मुकर्रर की है.

दरअसल, अन्ना यूनिवर्सिटी कैंपस के पास बिरयानी की एक स्टॉल चलाने वाले कोट्टूर निवासी ज्ञानशेखरन ने कथित तौर पर यूनिवर्सिटी कैंपस में एंट्री की और एक सुनसान जगह पर छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न किया और उसने छात्रा के दोस्त पर भी हमला किया. ये घटना पिछले साल 23 दिसंबर को रात करीब 8 बजे के आसपास हुई थी.

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ज्ञानशेखरन ने पहले एक याचिका दायर कर मामले से रिहाई की मांग की थी, जिसमें उसने दावा किया था कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उसकी गिरफ्तारी केवल संदेह के आधार पर हुई थी. तमिलनाडु पुलिस ने इसके जवाब में एक काउंटर याचिका दायर की थी. दोनों पक्षों की दलीलें कोर्ट के समक्ष रखी गईं.

2 जून को तय होगी सजा की अवधि

वहीं, मद्रास हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए एक SIT का गठन किया गया था. एसआईटी ने बाद में महिला कोर्ट में एक चार्जशीट दाखिल की. कोर्ट ने सभी सबूतों और गवाहों के बयानों को ध्यान में रखते हुए ज्ञानशेखरन को दोषी करार दिया है और उसकी सजा की अवधि पर फैसला 2 जून को होगा. इसके इतर अदालत का फैसला सुनने के बाद ज्ञानशेखरन ने मां के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सजा में नरमी ने गुहार लगाई है.

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स्वागत योग्य है कोर्ट का फैसला: AIADMK नेता

समाचार एजेंसी के अनुसार फैसले पर बोलते हुए AIADMK महासचिव पलानीस्वामी ने कहा, 'यौन शोषण मामले में अदालत ने आज अपना फैसला सुनाया है. इस मामले में AIADMK ने घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और छात्रों की आवाज सुनी गई. अदालत ने सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर अपना फैसला सुनाया है. जो स्वागत योग्य है.'

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