ड्रग्स तो छोड़‍िए... IPL सट्टेबाजी बन रही है युवा भारत की नई खतरनाक लत, मुश्किल हो रहा छोड़ना

खबरों में अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं जहां किशोर और युवा सट्टेबाजी की वजह से भारी नुकसान झेल रहे हैं. मार्च 2025 में बेंगलुरु के एक टेक प्रोफेशनल ने सट्टेबाजी में 1.5 करोड़ रुपये गंवा दिए. उसने सट्टे के लिए कर्ज लिया था और कर्जदाताओं ने उसके परिवार को परेशान किया जिसके बाद उसकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली. 

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आईपीएल मैच पर सट्टा बना लत (Representational image) आईपीएल मैच पर सट्टा बना लत (Representational image)

शुभम तिवारी

  • नई दिल्ली ,
  • 30 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:48 PM IST

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) आज कई लोगों के लिए पैसा कमाने का बड़ा मौका बन गया है. लेकिन जल्दी अमीर बनने की इस लालच में युवा भारतीय सट्टेबाजी की लत में फंसते जा रहे हैं. आंकड़े और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि IPL पर सट्टा लगाना भारतीय युवाओं में एक गंभीर लत बनता जा रहा है. गूगल सर्च ट्रेंड्स दिखाते हैं कि हर IPL सीजन के दौरान 'IPL Addiction' और 'Online Betting' जैसे शब्दों की खोज में तेजी आती है. 2015 से 'Gambling Addiction' जैसे सर्च भी लगातार बढ़ रहे हैं जो ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स की बढ़ती लोकप्रियता को दिखाता है. 

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लोग क्या खोज रहे हैं?

गूगल ट्रेंड्स के मुताबिक 'Causes of Gambling Addiction', 'is gambling an addiction', 'Online Gambling Addiction' और 'Gambling Addiction therapy' जैसे सवालों की खोज बढ़ गई है. इसके अलावा जुए की लत का उपचार, जुए की लत से कैसे छुटकारा पाएं और जुए की लत के लिए रिहैब जैसे सर्च भी तेजी से बढ़े हैं.  

लत से बढ़ती चिंता

स्पोर्ट्स-बेस्ड फंतासी ऐप्स की कानूनी स्थिति को लेकर अभी भी असमंजस है. आलोचकों का कहना है कि ये ऐप्स खासकर युवाओं में जुए की लत को बढ़ावा दे रहे हैं. हाल ही में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने IPL के दौरान सट्टेबाजी पर चिंता जताई. कोर्ट ने कहा कि IPL के नाम पर बहुत से लोग सट्टा और जुआ कर रहे हैं. यह गंभीर मुद्दा है. 

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भारत में जुए के कानून हर राज्य में अलग-अलग हैं और ऑनलाइन सट्टेबाजी को लेकर कोई साफ केंद्रीय कानून नहीं है. इन ऐप्स की कानूनी स्थिति इस बात पर निर्भर करती है कि खेल को स्किल का माना जाए या मौके का. पहले सुप्रीम कोर्ट ने रम्मी और फंतासी स्पोर्ट्स को स्किल का खेल माना है इसलिए इन्हें पारंपरिक जुए के कानूनों में नहीं गिना जाता. 

ऑनलाइन सट्टेबाजी का नुकसान

ऑनलाइन सट्टेबाजी का असर द‍िन पर दिन बढ़ता जा रहा है. खबरों में अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं जहां किशोर और युवा सट्टेबाजी की वजह से भारी नुकसान झेल रहे हैं. मार्च 2025 में बेंगलुरु के एक टेक प्रोफेशनल ने सट्टेबाजी में 1.5 करोड़ रुपये गंवा दिए. उसने सट्टे के लिए कर्ज लिया था और कर्जदाताओं ने उसके परिवार को परेशान किया जिसके बाद उसकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली. 

इसके चलते अब ज्यादा लोग मनोचिकित्सकों और काउंसलर की मदद ले रहे हैं. दिल्ली की मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ अरौबा कबीर बताती हैं कि हर महीने 3 से 5 मरीज IPL या अन्य स्पोर्ट्स सट्टेबाजी की लत की श‍िकायत लेकर उनके पास आते हैं, खासकर क्रिकेट सीजन और बड़े टूर्नामेंट के दौरान.वो कहती हैं कि IPL सीजन में यह संख्या बढ़ जाती है क्योंकि ऐप्स आसानी से मिल जाते हैं और दोस्तों का दबाव भी होता है. 

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स्पोर्ट्स सट्टेबाजी की लत के आम लक्षण 

बार-बार स्कोर चेक करना 
ध्यान भटकना
काम में प्रदर्शन गिरना
पैसों की तंगी (कर्ज लेना, संपत्ति बेचना, छुपे कर्ज, चोरी करना)
परिवार से झूठ बोलना या बातें छुपाना

एन्सो वेलनेस की संस्थापक अरौबा बताती हैं कि स्पोर्ट्स सट्टेबाजी की लत में ऐसा लगता है जैसे आप अपने कंट्रोल में हैं और आसानी से पैसे कमा सकते हैं, लेकिन यह दिमाग को नशे की तरह प्रभावित करता है. उम्मीद, इनाम और हार का चक्र इसे छोड़ना मुश्किल बना देता है. बिना पेशेवर मदद के इससे बाहर निकलना आसान नहीं है. 

हालांकि भारत में ऑनलाइन जुए की व्यापकता पर कोई सार्वजनिक आंकड़ा नहीं है लेकिन अमेरिकी मनोचिकित्सा एसोसिएशन का अनुमान है कि अमेरिका में 0.4 से 4 प्रतिशत वयस्कों को अपने जीवन में जुए की लत हो सकती है. 

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