दिल्ली-NCR में जानलेवा बनी गर्मी, बीते 24 घंटे में अलग-अलग जगहों से मिले 19 लोगों के शव

RML अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सीमा बालकृष्ण वासनिक और डॉ. अजय शुक्ला ने बताया कि कुल 22 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, आशंका है कि 5 लोगों की हीटस्ट्रोक के कारण मौत हो गई है. 12 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और उनकी हालत गंभीर है. वहीं, नोएडा में पिछले 24 घंटे में 14 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.

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दिल्ली-NCR में इन दिनों जानलेवा गर्मी का प्रकोप है (फोटो- पीटीआई) दिल्ली-NCR में इन दिनों जानलेवा गर्मी का प्रकोप है (फोटो- पीटीआई)

भूपेन्द्र चौधरी / अंकित शर्मा / हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2024,
  • अपडेटेड 6:16 PM IST

दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में हैं. राजधानी दिल्ली, नोएडा में गर्मी के कारण लू और हीट स्ट्रोक के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. आशंका है कि दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हीटस्ट्रोक के कारण 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 46 मरीज भर्ती हैं. वहीं, नोएडा में पिछले 24 घंटे में संदिग्ध परिस्थिति में 14 लोगों की मौत हो गई.

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RML अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सीमा बालकृष्ण वासनिक और डॉ. अजय शुक्ला ने बताया कि कुल 22 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, आशंका है कि 5 लोगों की हीटस्ट्रोक के कारण मौत हो गई है. 12 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और उनकी हालत गंभीर है. उन्होंने कहा कि अधिकांश मरीज मजदूर हैं, जो विषम परिस्थितियों में काम करते हैं. मरीजों की मौत का मुख्य कारण अस्पताल पहुंचने में देरी होना है. उन्होंने कहा कि अब तक हमारे अस्पताल में 45-50 मरीज आए हैं और हीटवेव की स्थिति शुरू होने से अब तक लगभग 7 लोगों की मौत हो चुकी है.
 
वहीं, नोएडा में पिछले 24 घंटे में अलग-अलग जगहों पर 14 शव मिले हैं. आशंका जताई जा रही है कि ये सभी मौतें लू और हीटस्ट्रोक के कारण हुई है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सही कारण बताने की बात कह रहा है.

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CMS ने कहा- पोस्टमार्टम से पता चलेगी असली वजह

नोएडा जिला अस्पताल की CMS रेणु अग्रवाल ने बताया कि कल हमारे यहां 14 ब्रॉड डेड के मामले आए थे, कुछ लोगों को पुलिस लेकर आई थी और कुछ लोगों को उनके परिजन लेकर आए थे, मौत का सही कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि लू और हीटस्ट्रोक से मौत की बात भी पोस्टमार्टम से पता चलेगी. सभी शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

LNJP में 9 मरीज भर्ती

हीटस्ट्रोक के मामलों पर LNJP अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि फिलहाल LNJP अस्पताल में 9 मरीज भर्ती हैं. 9 मरीजों में से 4 मरीज गंभीर हालत और हीटस्ट्रोक के कारण कई बॉडी पार्ट्स ने काम करना बंद कर दिया है, इसके चलते मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. 16 जून को हीटस्ट्रोक के कारण एक मरीज की मौत हो गई थी. हीटस्ट्रोक के मरीजों का समय पर इलाज बहुत जरूरी है, नहीं तो कई अंग काम करना बंद कर देते हैं, इससे कई बॉडी पार्ट्स खराब हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी नर्स और स्टाफ को हीटस्ट्रोक के मरीजों की पहचान करने के लिए ट्रेनिंग दी गई है. 

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ऐसे करें हीटस्ट्रोक से बचाव 

LNJP अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि हीटस्ट्रोक से बचने के लिए सिर पर छाता या कपड़ा लपेटना चाहिए. बच्चों और बुजुर्गों को अत्यधिक गर्मी में बाहर निकलने से बचना चाहिए. दिन में 4-5 लीटर पानी पीने से हीटस्ट्रोक से बचा जा सकता है. 

स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने दिए ये निर्देश

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने केंद्र सरकार के अधीन आने सभी हॉस्पिटल और मेडिकल इंस्टीट्यूट को आदेश जारी किए हैं कि हीट वेव के कारण बीमार हुए लोगों को प्राथमिकता दी जाए.

उत्तराखंड में 162 लोग अस्पताल में एडमिट

वहीं, उत्तराखंड में 162 लोग संक्रमण और डी-हाईट्रेशन की परेशानी को लेकर अस्पताल में एडमिट हुए, हालांकि स्वास्थ विभाग का कहना है कि यह हीटवेव से सीधे संबंधित नहीं हैं. उत्तराखंड में हीटवेव के कारण कोई मौत नहीं हुई है.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने हीट वेव से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. 

- धूप में बाहर जाने से बचें, खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच. 
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और जितना संभव हो उतना पिएं, भले ही प्यास न लगी हो.
- हल्के, हल्के रंग के, ढीले सूती कपड़े पहनें. धूप में बाहर जाते समय चश्मा, छाता/टोपी, जूते या चप्पल पहनें.
- जब बाहर का तापमान अधिक हो तो हैवी एक्टिविटी से बचें. दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर काम करने से बचें.
- यात्रा करते समय अपने साथ पानी रखें.
- शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचें. 
- हाई प्रोटीन वाले खाने से बचें और बासी खान न खाएं.
- अगर आप बाहर काम करते हैं, तो टोपी या छाता का इस्तेमाल करें और अपने सिर, गर्दन, चेहरे पर नम कपड़ा भी रखें. 
- बच्चों या पालतू जानवरों को पार्क किए गए वाहनों में न छोड़ें. 
- अगर आपको बेहोशी या बीमार महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
- ORS, घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, तोरणी (चावल का पानी), नींबू पानी, छाछ आदि का इस्तेमाल करें.  
- जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए भरपूर पानी दें. 
- अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शटर या सनशेड का इस्तेमाल करें और रात में खिड़कियां खोलें.
- पंखे का इस्तेमाल करें, गीले कपड़े पहनें और बार-बार ठंडे पानी से नहाएं.

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