कारोबारी निरंजन हीरानंदानी ने ED के सामने दर्ज कराया अपना बयान, FEMA उल्लंघन का है आरोप

ईडी के अधिकारियों ने पिछले महीने निरंजन हीरानंदानी और दर्शन हीरानंदानी से जुड़े परिसरों की तलाशी ली थी. इसके बाद ईडी ने समन जारी कर उन्हें अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा था. आज निरंजन हीरानंदानी अपनी कंपनी के अधिकारियों के साथ मामले में ईडी के सामने पेश हुए. 

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रियल एस्टेट टाइकून और व्यवसायी निरंजन हीरानंदानी. (Photo: PTI) रियल एस्टेट टाइकून और व्यवसायी निरंजन हीरानंदानी. (Photo: PTI)

दिव्येश सिंह

  • मुंबई,
  • 04 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

रियल एस्टेट टाइकून और व्यवसायी निरंजन हीरानंदानी अपने खिलाफ शुरू की गई फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) उल्लंघन जांच के सिलसिले में सोमवार को मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के सामने पेश हुए. पिछले महीने ईडी के अधिकारियों ने मुंबई और कुछ अन्य स्थानों पर निरंजन हीरानंदानी और दर्शन हीरानंदानी से जुड़े परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया था. इसके बाद दोनों को मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए ईडी अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए समन जारी किया गया था.

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उपलब्ध जानकारी के अनुसार, निरंजन हीरानंदानी और उनके परिवार के कुछ अन्य सदस्य एक ऑफशोर ट्रस्ट के लाभार्थी थे, जिसके पास 60 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की संपत्ति जमा थी. समूह का नाम पैंडोरा पेपर्स लीक में भी सामने आया था. पैंडोरा पेपर्स में सामने आई जानकारी के मुताबिक हीरानंदानी ने 2006 से 2008 के बीच ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में कम से कम 25 कंपनियां और एक ट्रस्ट स्थापित किया था.

महाराष्ट्र और तमिलनाडु में रियल एस्टेट परियोजनाओं वाली हीरानंदानी समूह की कंपनियों को एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के रूप में 400 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. आरोप है कि इस राशि का उपयोग निर्धारित सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार नहीं किया गया. एफडीआई प्राप्त करने वाली समूह की कंपनियों में से एक ने बैंकों से लिया गया लोन नहीं चुकाया और उसे एनपीए घोषित कर दिया गया. दिलचस्प बात यह है कि डीआरटी (Debt Recovery Tribunal) की कार्यवाही के दौरान पता चला कि हीरानंदानी समूह की एक अन्य इकाई ने अधूरी परियोजना को अपने कब्जे में ले लिया.

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मार्च 2022 में, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने तीन शहरों- मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई में फैले हीरानंदानी ग्रुप के लगभग 25 ठिकानों पर रेड डाली थी. सूत्रों के मुताबिक, यह रेड ग्रुप द्वारा संदिग्ध टैक्स चोरी को लेकर पड़ी थी. आयकर अधिकारियों ने हिरानंदानी समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (Chief Financial Officer) सहित अन्य शीर्ष अधिकारियों से संबंधित कार्यालयों, सेल्स गैलरी और आवासीय परिसरों की तलाशी ली थी. तलाशी के दौरान, आयकर अधिकारियों ने हीरानंदानी समूह के दस्तावेजों, फाइनेंशियल ई-रिकॉर्ड और सेल्स ट्रांजैक्शन की जांच की थी.

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