भूषण पावर एंड स्टील केस में परिसमापन का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने लिया वापस, नए सिरे से होगी सुनवाई

CJI जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल किसी रिवाइव की गई कंपनी के 25,000 कर्मचारियों के साथ अन्याय करने के लिए नहीं कर सकता.

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भूषण पावर एंड स्टील कंपनी के मामले में फिर से होगी सुनवाई (Photo: File) भूषण पावर एंड स्टील कंपनी के मामले में फिर से होगी सुनवाई (Photo: File)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:34 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (Bhushan Power & Steel Ltd) के परिसमापन और JSW स्टील की अधिग्रहण योजना को खारिज करने का 2 मई को सुनाया फैसला वापस ले लिया है. अब कोर्ट इस मामले में नए सिरे से सुनवाई करेगा. सीजेआई जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट का 2 मई को जारी फैसला वापस ले लिया. 

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जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने दो मई को दिए अपने फैसले में भूषण पावर एंड स्टील के परिसमापन का आदेश दिया गया था.

परिसमापन कंपनियों पर की जाने वाली एक ऐसी कार्यवाही है, जिससे कंपनी का वैधानिक अस्तित्व खत्म हो जाता है. कोर्ट के आदेश के बाद, जिंदल साउथ वेस्ट यानी जेएसडब्ल्यू ने कंपनी को 19,700 करोड़ रुपये की रिवाइवल प्लान के तहत अधिग्रहित किया था.

'शक्ति का इस्तेमाल अन्याय के लिए नहीं...'

CJI जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल किसी रिवाइव की गई कंपनी के 25,000 कर्मचारियों के साथ अन्याय करने के लिए नहीं कर सकता.

यह भी पढ़ें: PNB में एक और फ्रॉड का खुलासा, भूषण पावर ने लगाया 3,800 करोड़ का चूना

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चीफ जस्टिस गवई और जस्टिस एससी शर्मा की बेंच ने मामले की नए सिरे से सुनवाई का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि मामले को पहली नजर में देखने के बाद हमारा मानना है कि यह फैसला विभिन्न फैसलों में निर्धारित कानूनी स्थिति पर सही ढंग से विचार नहीं करता है. इस फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर भूषण स्टील का परिसमापन हुआ, तो 25,000 लोग सड़क पर आ जाएंगे. लिहाजा अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल पूरी तरह इंसाफ के लिए किया जाना चाहिए, अन्याय के लिए नहीं.

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