भोजपुरी इंडस्ट्री के सितारे नेशनल पॉलिटिक्स में धूम मचा रहे हैं, लेकिन वे बिहार (Bihar) के अंदर सियासी मैदान में नहीं नजर आते. सूबे के कैमूर जिले के अतरवलिया गांव के रहने वाले मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने दिल्ली को अपनी राजनीतिक 'कर्मभूमि' बनाया है, जबकि उत्तर प्रदेश में रवि किशन और दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' अपने मूल स्थानों के करीब की सीटों से फिर से चुनाव की मांग कर रहे हैं.
लोकसभा चुनाव से पहले आरा के मूल निवासी पवन सिंह के मैदान में उतरने की काफी चर्चा थी. उन्हें टिकट मिला, लेकिन पश्चिम बंगाल से और एक विवाद के बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया. अटकलें लगाई जा रही हैं कि इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल नेहा सिंह राठौड़ को कांग्रेस का टिकट मिलेगा क्योंकि उन्होंने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' सहित कई पार्टी कार्यक्रमों में भाग लिया था.
'कोई सियासी दल सहमत नहीं हुआ...'
लोकप्रिय भोजपुरी/मगही गायक गुंजन कुमार ने कहा कि कई भोजपुरी सुपरस्टार आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में हैं, लेकिन क्षेत्रीय फिल्म उद्योग के केंद्र बिहार या पड़ोसी राज्य झारखंड से किसी को भी मैदान में नहीं उतारा गया है.
गुंजन, नवादा लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. एजेंसी के मुताबिक गुंजन कुमार ने कहा कि उन्होंने अपने गृहनगर नवादा से उम्मीदवार बनाने के लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से संपर्क किया लेकिन कोई भी सहमत नहीं हुआ, जिससे उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.
बता दें कि विधानसभा में भोजपुरी गायक विनय बिहारी पश्चिमी चंपारण की लौरिया विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक हैं.
गुंजन कुमार ने कहा कि बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा ने पटना साहिब निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और दो बार जीत हासिल की. उसके बाद, उन्हें 2019 में टिकट नहीं दिया गया.
लौरिया विधानसभा सीट से तीन बार के बीजेपी विधायक विनय बिहारी ने कहा कि यह सच है कि प्रमुख राजनीतिक दल बिहार से ही भोजपुरी अभिनेताओं/गायकों को लोकसभा टिकट देने को लेकर थोड़ा आशंकित हो गए हैं. बिहारी कलाकारों को अन्य राज्यों से लोकसभा टिकट मिलता है, लेकिन बिहार से नहीं मिलता. उन्होंने आगे कहा कि मैं इस दर्द को समझ सकता हूं. मैंने 2010 में एक इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के रूप में चुनाव लड़ा था, जब मैंने पहली बार लौरिया निर्वाचन क्षेत्र जीता था. उसके बाद, मैं बीजेपी में शामिल हो गया और 2015 और 2020 में दो चुनाव जीते. 2010 में मुझे कोई भी दल टिकट देने को तैयार नहीं था.
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'योग्य उम्मीदवार को टिकट मिलता है...'
लोकप्रिय भोजपुरी अभिनेता और गोरखपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार रवि किशन ने कहा कि कम से कम हमारी पार्टी (BJP) के मामले में ऐसा नहीं है. हमारा शीर्ष नेतृत्व टिकट देने से पहले विभिन्न सामाजिक समीकरणों सहित हर पहलू का विश्लेषण करता है. पार्टी का टिकट हमेशा सबसे योग्य उम्मीदवार को दिया जाता है, बिहार में भी यही स्थिति है.
उन्होंने आगे कहा कि मुझे यकीन है कि आने वाले वर्षों में हमारी पार्टी बिहार से ही भोजपुरी अभिनेताओं और गायकों को मैदान में उतारेगी. मैं आपको एक बात साफ-साफ बता दूं कि पूरा भोजपुरी फिल्म उद्योग और भोजपुरी भाषी मतदाता हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं.
आरजेडी के सीनियर लीडर और पार्टी के प्रवक्ता (बिहार इकाई) मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व द्वारा लोकसभा टिकट देते समय कई वजहों को ध्यान में रखा जाता है. हमारी पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद हमेशा से भोजपुरी कलाकारों को उचित सम्मान दिया गया. मुझे यकीन है कि आने वाले वर्षों में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में हमारी पार्टी भोजपुरी अभिनेताओं/गायकों को लोकसभा चुनाव में उतारने पर विचार करेगी.
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