एडमिट कार्ड, अपॉइंटमेंट लेटर... बंगाल के मंत्री Partha Chatterjee के घर से ED को मिले कई अहम दस्तावेज

पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले में बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं. ईडी ने उनके घर से कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं. जांच एजेंसी के मुताबिक उनके घर से भर्ती से जुड़े एडमिट कार्ड और अपॉइंटमेंट लेटर सहित कई डॉक्यूमेंट मिले हैं.

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तस्वीर उस समय की है, जब पार्थ चटर्जी को कोलकाता से एयर एंबुलेंस के जरिए भुवनेश्वर एम्स ले जाया जा रहा था. (फोटो-एजेंसी) तस्वीर उस समय की है, जब पार्थ चटर्जी को कोलकाता से एयर एंबुलेंस के जरिए भुवनेश्वर एम्स ले जाया जा रहा था. (फोटो-एजेंसी)

मुनीष पांडे

  • कोलकाता/नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 10:21 AM IST

शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में ED की गिरफ्त में आए पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को भुवनेश्वर एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है. इसके बाद पार्थ कोलकाता पहुंच गए हैं. अब ईडी कोलकाता में उनसे पूछताछ करेगी. कोलकाता के SSKM अस्पताल के डॉ. तुषार कांति पात्रा के मुताबिक पार्थ चटर्जी की हालत में सुधार है, उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है.

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वहीं पार्थ के घर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कई अहम दस्तावेज मिले हैं. जांच एजेंसी ने आजतक को बताया कि मंत्री के घर से क्लास सी और क्लास डी सेवाओं में भर्ती के उम्मीदवारों से संबंधित दस्तावेज मिले हैं.

एजेंसी ने बताया कि सबूतों से पता चलता है कि पार्थ चटर्जी सक्रिय रूप से ग्रुप डी के कर्मचारियों की नियुक्ति में शामिल हैं. उनके घर से ग्रुप डी उम्मीदवारों की लिस्ट, क्षेत्रीय स्तर चयन परीक्षा का प्रवेश पत्र, 2016 के समापति ठाकुर नामक उम्मीदवार का गैर-शिक्षण स्टाफ (ग्रुप डी) के लिए एप्लीकेशन, रोल नंबर के साथ उच्च प्राथमिक शिक्षक पद के लिए 48 उम्मीदवारों की सूची भी मिली है.  

इसके अलावा ग्रुप डी स्टाफ की भर्ती से संबंधित अन्य दस्तावेज और भर्ती के लिए बनाए गए फाइनल रिजल्ट की समरी, उम्मीदवारों के एडिमट कार्ड और इंद्रनील भट्टाचार्य नामक उम्मीदवार के लिए प्रशंसापत्र और व्यक्तिगत परीक्षण के लिए सूचना पत्र भी बरामद किया गया है.

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ED को पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की संयुक्त संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं. इस संपत्ति को पार्थ ने 2012 में खरीदा था. अर्पिता ने पूछताछ में यह स्वीकार किया है कि नकदी पार्थ की है. इस पैसे को अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी कंपनियों में लगाने की योजना थी. नकद राशि को एक-दो दिन में घर से बाहर ले जाने की योजना थी.

ED के ने बताया कि फर्जीवाड़े को पार्थ चटर्जी ने अपनी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के जरिए अंजाम दिया. ED ने बयान में कहा कि तलाशी के दौरान अर्पिता मुखर्जी और उनकी कंपनियों के नाम पर अचल संपत्तियों से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं.

ED के मुताबिक पार्थ चटर्जी ने पश्चिम मेदिनीपुर में बीसी इंटरनेशनल स्कूल (BC International School) के नाम पर बड़ी संपत्ति अर्जित की थी. इस अंग्रेजी मीडियम स्कूल की देखरेख पार्थ चटर्जी के दामाद के मामा कृष्ण चंद्र अधिकारी करते हैं. 

26 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार हुए थे पार्थ

स्कूल सेवा आयोग (SSC) घोटाले में ईडी ने शनिवार को पार्थ चटर्जी को 26 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के बाद पार्थ ने स्वास्थ्य बिगड़ने का हवाला दिया था. इसके बाद उन्हें कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां से उन्हें कोलकाता के SSKM अस्पताल में रेफर कर दिया गया था.

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अर्पिता के घर से मिला था 'नोटों का पहाड़'

ईडी ने पार्थ की सहयोगी अर्पिता को भी गिरफ्तार कर लिया था. उनके घर से ईडी को 21 करोड़ 20 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई थी. अर्पिता के घर में नोट गिनने के लिए ईडी को दूसरे दिन भी दो मशीनें मंगानी पड़ी थीं. इसके साथ ही उनके घर से 79 लाख का गोल्ड और 54 लाख की विदेशी मुद्रा मिली थी.

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