Advertisement

न्यूज़

स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत का ट्रायल, जानिए कितनी है ताकत

aajtak.in
  • 22 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST
  • 1/5

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन से तनाव के बीच भारत को बड़ी सफलता मिली है. पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के निर्माण का काम पूरा हो गया है और अब जल्द ही बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में इसे टेस्टिंग के लिए उतारा जाएगा. बता दें कि आईएनएस विक्रांत का हार्बर ट्रायल पूरा हो चुका है. (तस्वीर - सोशल मीडिया)

  • 2/5

जब आईएनएस विक्रांत को समुद्र में उतारा जाएगा तो इसकी पूरी क्षमता का आकलन किया जाएगा और यह पता लगाया जाएगा कि अब यह समुद्र में सेवा देने लायक बन चुका है या नहीं. बेसिन ट्रायल के दौरान इस एयरक्राफ्ट कैरियर में इस्तेमाल की गई तकनीक की परीक्षा होगी. वर्तमान में भारतीय नौसेना के पास सिर्फ एक एयरक्राफ्ट कैरियर है जिसका नाम आईएनएस विक्रमादित्य है. (तस्वीर - सोशल मीडिया)

  • 3/5

स्वदेशी तकनीक से बनाए गए आईएनएस विक्रांत को साल 2023 तक नौसेना में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है. आईएनएस विक्रांत की लंबाई 262 मीटर है और इसका निर्माण कार्य कोचिन शिपयार्ड में साल 2009 में शुरू किया गया था. (तस्वीर - सोशल मीडिया)

Advertisement
  • 4/5

इस एयरक्राफ्ट कैरियर की बात करें तो इस पर एक साथ 26 लड़ाकू विमान और 10 हेलिकॉप्टर की तैनाती की जा सकती है. नौसेना अभी इस पर मिग 29 फाइटर जेट तैनात करने की तैयारी कर रही है. स्वदेशी एडवांस हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर ध्रुव को भी इस पर तैनात किया जाएगा. अमेरिका से रोमियो हेलिकॉप्टर मिलने के बाद उसकी भी इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनाती हो सकती है. (तस्वीर - सोशल मीडिया)

  • 5/5

भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने के बाद इसे पूर्व समुद्री तट विशाखापत्तनम में तैनात करने की योजना बना रही है. बता दें कि रूस से खरीदे गए एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रमादित्य को इस समय भारत के पश्चिमी समुद्री तट पर तैनात किया गया है. भारतीय नौसेना तीन एयरक्राफ्ट कैरियर बैटल ग्रुप बनाने की कोशिश में जुटी हुई है. कैरियर बैटल ग्रुप में एयरक्राफ्ट करियर के साथ कई जंगी जहाज, हेलिकॉप्टर्स और सबमरीन का बेड़ा साथ होता है. (तस्वीर - सोशल मीडिया)

Advertisement
Advertisement