महाराष्ट्र के कल्याण में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है. मुलुंड के केलकर कॉलेज में साइंस फर्स्ट ईयर के 19 साल के छात्र अर्नव जितेंद्र खैरे ने मंगलवार रात अपने घर में दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
मृतक के पिता जितेंद्र खैरे का आरोप है कि 18 नवंबर की सुबह लोकल ट्रेन में भाषाई विवाद के दौरान कुछ लोगों ने अर्नव को बुरी तरह पीटा और 'तुम मराठी क्यों नहीं बोलते?' कहकर धमकाया. इस मानसिक तनाव और डर से उनका बेटा इतना टूट गया कि उसने जान दे दी.
अर्नव के पिता ने बताया कि दोपहर में फिर पिता से बात हुई तो अर्नव की आवाज में घबराहट साफ थी. उसने कहा, 'मेरी तबीयत ठीक नहीं है, बहुत डर लग रहा है.' पिता ने उसे हिम्मत बंधाई, लेकिन शाम को जब जितेंद्र खैरे काम से घर लौटे तो दरवाजा अंदर से बंद था. पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया तो अर्नव का शव फंदे पर लटका मिला. उसे रुख्मिनीबाई हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां रात 9.05 बजे उसे मृत घोषित कर दिया.
पिता ने कहा कि भाषा के झगड़े की वजह से हुई मारपीट के डर और तनाव से बेटे ने ये कदम उठाया है और उसे इंसाफ मिलना चाहिए.
पुलिस ने दर्ज किया एक्सीडेंटल मौत का मामला
कोलसेवाड़ी पुलिस ने फिलहाल एक्सीडेंटल मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. स्थानीय लोग लोकल ट्रेन में हुए कथित हमले की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं. रेलवे पुलिस को भी इस बारे में बता दिया गया है और CCTV फुटेज हासिल करने की कोशिश की जा रही है.
वहीं, पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र के अंदर मराठी-हिंदी झगड़े की बढ़ती घटनाओं के बीच घटना ने नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है. खासकर युवाओं पर पड़ने वाला साइकोलॉजिकल असर, भाषा को लेकर बढ़ती असहिष्णुता और यात्रियों की सुरक्षा फिर से सामने आ गई है.
मिथिलेश गुप्ता