संविधान या संसद, कौन है सुप्रीम? बहस के बीच CJI गवई ने दिया ये जवाब

सीजेआई गवई ने कहा कि हमेशा इस पर चर्चा होती है कि लोकतंत्र का कौन सा अंग सर्वोच्च है- कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका. हालांकि कई लोग कहते और मानते हैं कि संसद सर्वोच्च है, लेकिन मेरे हिसाब से भारत का संविधान सर्वोच्च है.

Advertisement
CJI बी.आर. गवई (फाइल फोटो) CJI बी.आर. गवई (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • अमरावती,
  • 26 जून 2025,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने संविधान और संसद की सर्वोच्चता को लेकर स्पष्ट टिप्पणी दी है. उन्होंने कहा कि भारत में संसद नहीं, बल्कि संविधान सर्वोच्च है. मुख्य न्यायाधीश गवई ने यह टिप्पणी अमरावती में बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में की, जो उनका गृह नगर है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अपने संबोधन में सीजेआई गवई ने कहा कि हमेशा इस पर चर्चा होती है कि लोकतंत्र का कौन सा अंग सर्वोच्च है-  कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका. हालांकि कई लोग कहते और मानते हैं कि संसद सर्वोच्च है, लेकिन मेरे हिसाब से भारत का संविधान सर्वोच्च है. लोकतंत्र के तीनों अंग संविधान के अंतर्गत काम करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि सरकार के खिलाफ आदेश पारित करने मात्र से कोई न्यायाधीश स्वतंत्र नहीं हो जाता.

Advertisement

सीजेआई ने कहा कि न्यायाधीश को हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा कर्तव्य है कि हम नागरिकों के अधिकारों, संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों के संरक्षक हैं. हमारे पास केवल शक्ति नहीं है, बल्कि हमारी कुछ जिम्मेदारियां भी हैं. 

ये भी पढ़ें- CJI बीआर गवई ने रिटायरमेंट के बाद न्यायाधीशों के पॉलिटिक्स में एंट्री पर जताई चिंता, कहा- ये कदम उठाता है सवाल
 
'लोग क्या कहेंगे' वाली सोच बदलनी होगी

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यायाधीश को इस बात से निर्देशित नहीं होना चाहिए कि लोग उनके निर्णय के बारे में क्या कहेंगे या क्या महसूस करेंगे. बल्कि हमें स्वतंत्र रूप से सोचना होगा. लोग क्या कहेंगे, यह हमारी निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सकता. मुख्य न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि उन्होंने हमेशा अपने निर्णयों और काम को बोलने दिया और हमेशा संविधान में निहित मौलिक अधिकारों के साथ खड़े रहे.

Advertisement

संविधान की मूल संरचना को नहीं बदला जा सकता

मुख्य न्यायाधीश ने अपने बयान को और स्पष्ट करते हुए कहा कि संसद को संविधान में संशोधन करने का अधिकार तो है, लेकिन वह संविधान की मूल संरचना (Basic Structure) को नहीं बदल सकती.

ये भी पढ़ें- 'सीएम योगी तो पावरफुल हैं ही...', इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यक्रम में बोले चीफ जस्टिस बीआर गवई
 
मूलभूत अधिकारों का संरक्षक हूं: CJI

CJI गवई ने अपने 'बुलडोजर जस्टिस' पर दिए फैसले की याद दिलाते हुए कहा कि आवास का अधिकार सर्वोच्च है. मैं हमेशा मौलिक अधिकारों और संविधान के साथ खड़ा रहा हूं.

एक वकील बनने की कहानी

मुख्य न्यायाधीश ने भावुक होकर अपने बचपन के दिनों की यादें साझा कीं. उन्होंने कहा कि मैं आर्किटेक्ट बनना चाहता था, लेकिन मेरे पिता चाहते थे कि मैं वकील बनूं. क्योंकि वे खुद स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण वकील नहीं बन पाए थे.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement