अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर महाराष्ट्र के चंद्रपुर के तडोबा टाइगर रिजर्व में जटायु संवर्धन केंद्र की शुरुआत की गई. इस मौके पर वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की पहल पर यहां 10 जटायु को छोड़ा गया. मुनगंटीवार ने कहा कि रामायण कि कथाओं में जटायु का विशेष महत्व है. हम सभी ने जटायु की कथाएं रामायण में सुनी है. स्वाधीनता के समय देश में 4 करोड़ जटायु की संख्या थी. लेकिन अब सिर्फ 60 हजार जटायु ही बचे हैं.
ऐसे में हमें जटायु का संवर्धन करना चाहिए. इसलिए अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर चंद्रपुर के ताडोबा में जटायु संवर्धन केंद्र की शुरुआत की गई. फिलहाल यहां 10 जटायु छोड़े गए हैं और आगे चलकर उनकी संख्या बढ़ेगी और इन्हें जंगल में मुक्त किया जाएगा. ताडोबा प्रशासन और वन विभाग की देखरेख में इन जटायु का सवर्धन किया जाएगा.
ताडोबा में जटायु संवर्धन केंद्र की शुरुआत हुई
महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि हमनें ताडोबा में जटायु संवर्धन कार्यक्रम का शुभारंभ किया है. रामायण की कथाओं में जटायु का कई बार उल्लेख आता है. हमारे देश में स्वाधीनता के समय 4 करोड़ जटायु की संख्या थी, जो प्राणी श्रृंखला के कड़ी में एक महत्वपूर्ण कड़ी रही है, मगर अभी 60 हजार से भी कम हो गए हैं. यह पहला ऐसा स्वच्छता दूध है जो हमारे इस वसुंधरा में स्वच्छता में योगदान देता है. हम प्रभु राम के प्राण प्रतिष्ठा करते हुए जटायु का संवर्धन करने का नियोजन करें. धीरे-धीरे जटायु की संख्यां को बढ़ाया जाएगा.
तडोबा टाइगर रिजर्व में 10 जटायु को छोड़ा गया
अयोध्या के राम मंदिर में सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. इसे लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है. आज हर कोई दिवाली मना रहा है. पूरा देश दियों की रोशनी से जगमगा रहा है. राम मंदिर को लेकर न केवल देश के भीतर बल्कि विदेश में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. लोगों का कहना है कि 500 साल का इंतजार अब खत्म हुआ है. अयोध्या के राम मंदिर के लिए आम नागरिकों से लेकर विभिन्न राज्यों की तरफ से योगदान दिया गया था.
विकास राजूरकर