महाराष्ट्र में शुगर मिल जांच पर डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा है कि अगर पूर्वाग्रह भरी इसी मानसिकता से जांच होती रही तो देश में लोकशाही खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा है कि अगर प्रवर्तन निदेशालय (ED) उन सभी पार्टियों के खिलाफ, जो कि बीजेपी के साथ नहीं हैं, जांच करता रहेगा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा और ये स्थिति तानाशाही से कम नहीं होगी.
अजित पवार शुक्रवार को पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उनकी ये प्रेस कॉन्फ्रेंस तब हो रही थी जब ED ने जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री मामले में जांच शुरू की है.
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अजित पवार ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार एक पार्टी की मीटिंग में इस बात को लेकर राजनीतिक प्रस्ताव पास किया गया कि दूसरी पार्टी के नेता के खिलाफ सीबीआई जांच करवाई जाए.
उन्होंने कहा कि न सिर्फ एनसीपी के नेताओं ने बल्कि बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने भी डिफॉल्टर साबित हो चुकी चीनी मिलों को खरीदा था. लेकिन कोई उन डील्स की चर्चा नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि चीनी की दूसरी फैक्ट्रियां तो 12-13 करोड़ में बेची गई थी. एक फैक्ट्री तो 4 करोड़ में बेची गई.
अजित पवार ने कहा कि शुगर मिल पर वे अपनी पक्ष की कहानी जनता के सामने रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के मन के मुताबिक चीजें नहीं हुई इसलिए ऐसी चीजें हो रही है, लेकिन वे कहना चाहते हैं कि जब तक इस सरकार के पास जनमत है वे समाज के लिए काम करते रहेंगे.
अजित पवार ने कहा कि उन्हें तो ED की इस जांच के बारे में जानकारी भी नहीं थी, लेकिन उन्हें कुछ पत्रकारों ने इसके बारे में बताया. उन्होंने कहा कि ये मामला अदालत में है, मैंने इसके बारे में सारे सबूत इकट्ठा किए फिर मैं आपके सामने अपने पक्ष की कहानी बताने आया हूं.
अजित पवार ने स्वीकार किया कि जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री का प्रबंधन और संचालन उनके कजिन राजेन्द्र घाड़गे द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर इस डील में किसी को कुछ गड़बड़ी नजर आती है तो उन्हें कोर्ट जाना चाहिए.
पंकज खेळकर