झारखंड में आतंकवादी संगठनों से जुड़े चार लोग गिरफ्तार, ATS को मिले हथियार और आपत्तिजनक दस्तावेज

झारखंड एटीएस को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि HuT (हिज्ब उत-तहरीर), AQIS (अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट), ISIS तथा अन्य प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े कुछ व्यक्ति राज्य के अन्य युवकों को अपने नेटवर्क से जोड़ रहे हैं. ये लोग सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से युवाओं को गुमराह कर रहे थे और धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देते हुए राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का संचालन कर रहे थे.

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झारखंड में आतंकवादी संगठनों से जुड़े चार लोग गिरफ्तार झारखंड में आतंकवादी संगठनों से जुड़े चार लोग गिरफ्तार

सत्यजीत कुमार

  • रांची,
  • 27 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 3:56 AM IST

झारखंड में आतंकवादी संगठनों से जुड़े चार लोग गिरफ्तार किए गए हैं. एटीएस को उनके पास से अवैध हथियार और आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं. झारखंड एटीएस को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि HuT (हिज्ब उत-तहरीर), AQIS (अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट), ISIS तथा अन्य प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े कुछ व्यक्ति राज्य के अन्य युवकों को अपने नेटवर्क से जोड़ रहे हैं. 

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छापेमारी में चार लोग गिरफ्तार

ये लोग सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से युवाओं को गुमराह कर रहे थे और धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देते हुए राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का संचालन कर रहे थे. सूचना की जांच एवं सत्यापन के दौरान यह सामने आया कि धनबाद जिले में इन संगठनों से जुड़े व्यक्तियों द्वारा अवैध हथियारों का व्यापार और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है.

शनिवार को प्राप्त सूचना के आधार पर धनबाद जिले के संदिग्ध स्थलों पर तलाशी एवं छापेमारी के लिए कई टीमें गठित की गईं. छापेमारी के दौरान कई गिरफ्तारियां की गईं जिसमें गुलफाम हसन, आयान जावेद, मो. शहजाद आलम और शबनम प्रवीण का नाम शामिल है.

हथियार और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद

गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से दो पिस्टल, 12 कारतूस, कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि तथा भारी मात्रा में प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित दस्तावेज और किताबें बरामद की गई हैं. इस संबंध में एटीएस, रांची में एक आपराधिक कांड दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है.

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बता दें कि HuT (हिज्ब उत-तहरीर) को भारत सरकार की ओर से UAPA, 1967 के तहत 10 अक्टूबर 2024 को प्रतिबंधित किया गया था. इस संगठन के प्रतिबंधित होने के बाद देश में दर्ज यह पहला आपराधिक मामला है.

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