मस्जिद में अवैध निर्माण या डेमोग्राफी में बदलाव का डर... शिमला की सड़कों पर 5 घंटे तक क्यों मचा बवाल?

Shimla Mosque Row: शिमला जिले के सब-डिवीजन संजौली में स्थित यह पांच मंजिला मस्जिद पिछले महीने तब सुर्खियों में आई थी, जब कुछ लोगों के एक समूह ने दावा किया कि मस्जिद का अवैध रूप से विस्तार किया जा रहा है और इसे लेकर दो समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई.

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शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए. (PTI Photo) शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए. (PTI Photo)

aajtak.in

  • शिमला,
  • 11 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST

शिमला में एक मस्जिद दो समुदायों के बीच विवाद की वजह बनी हुई है. इस संरचना को ध्वस्त करने की मांग को लेकर हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने बुधवार को शिमला के संजौली इलाके में करीब 5:30 घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया. उनका दावा है कि यह 'अवैध निर्माण' है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई. प्रदर्शनकारियों ने 'हिमाचल ने ठाना है, देवभूमि को बचाना है' और 'भारत माता की जय' जैसे नारे लगाए. भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और पानी की बौछार की. 

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शिमला जिले के सब-डिवीजन संजौली में स्थित यह पांच मंजिला मस्जिद पिछले महीने तब सुर्खियों में आई थी, जब कुछ लोगों के एक समूह ने दावा किया कि मस्जिद का अवैध रूप से विस्तार किया जा रहा है और इसे लेकर दो समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई. गत 30 अगस्त को अल्पसंख्यक समुदाय के आधा दर्जन लोगों ने कथित तौर पर मल्याणा इलाके में व्यापारी यशपाल सिंह और कुछ अन्य पर रॉड और लाठियों से हमला किया, जिसमें से चार घायल हो गए. व्यवसायी यशपाल सिंह कथित तौर पर शिमला के पास कसुम्पटी विधानसभा के मल्याणा के रहने वाले हैं. 

मस्जिद में बाहरी लोगों को आश्रय देने का लगा आरोप

गुलनवाज (32), सारिक (20), सैफ अली (23), रोहित (23), रिहान (17) और समीर (17) और रिहान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पांच आरोपी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं, जबकि रिहान देहरादून का रहने वाला है. दक्षिणपंथी संगठन मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर विधानसभा के पास स्थित चौरा मैदान में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हिंदू जागरण मंच की हिमाचल इकाई के अध्यक्ष कमल गौतम ने दावा किया है कि मस्जिद का इस्तेमाल 'बाहरी लोगों' को आश्रय देने के लिए किया जा रहा है. इसके पीछे का मकसद संजौली की डेमोग्राफी बदलना है.

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इस महीने की शुरुआत में यशपाल सिंह, कसुम्पटी विधानसभा सीट के कांग्रेस पार्षदों, भाजपा कार्यकर्ताओं और संजौली के स्थानीय लोगों के साथ मस्जिद के बाहर एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन शुरू किया. उन्होंने दावा किया मस्जिद की चार मंजिलें अवैध रूप से बनायी गई हैं. उन्होंने प्रशासन से मस्जिद पर छापा मारने, मामले में नामित लोगों को गिरफ्तार करने और संरचना को ध्वस्त करने की मांग की. शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कार्रवाई का आश्वासन दिया और संरचना की वैधता को लेकर नगर निकाय से रिपोर्ट मांगी.

कांग्रेस नेता ने भी मस्जिद की वैधता पर सवाल उठाए

कांग्रेस नेता और हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी मस्जिद की वैधता पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, 'मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है और मामला पिछले 14 साल से अदालत में विचाराधीन है. बिना मंजूरी के निर्माण शुरू कर दिया. यह एक अवैध ढांचा था. पहले एक मंजिल बनाई गई, फिर चार और मंजिलें बना दी गईं. संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है. चोरियां हो रही हैं. झगड़े हो रहे हैं. लव जिहाद एक और गंभीर मुद्दा है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है और यह हमारे देश और राज्य के लिए खतरनाक है.'

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मस्जिद को अवैध बताकर 2010 में दर्ज हुआ मुकदमा

पांच मंजिला मस्जिद के मौलवी शहजाद इमाम ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि संरचना 1947 की है, जबकि विस्तारित निर्माण 2007 के बाद हुआ. मस्जिद को अवैध बताते हुए 2010 में इसके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. हालांकि पिछले 14 वर्षों में मस्जिद में चार नई मंजिलें जोड़ी दी गईं. जबकि स्थानीय नगरपालिका अदालत ने इस मामले में 44 बार सुनवाई की है, लेकिन किसी समाधान पर नहीं पहुंच सकी है. उसने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 5 अक्टूबर तय की है.

वक्फ बोर्ड का दावा- मस्जिद हमारी जमीन पर बनी है

हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड ने अदालत में कहा है कि जिस जमीन पर मस्जिद है वह उसकी है और विस्तारित निर्माण नियमों के अनुसार किया गया है. हालांकि, वक्फ बोर्ड अपने दावों को साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहा है. कोर्ट ने वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी से पूछा है कि एक मंजिला मस्जिद पांच मंजिला कैसे बन गई. स्थानीय लोगों की ओर से पेश हुए वकील जगत पाल ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे में शामिल होने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि यह पिछले 14 वर्षों से नगरपालिका आयुक्त की अदालत में लंबित है. हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड को 2023 में ही एक पक्ष बनाया गया है.

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निर्माण अवैध हुआ तो उसे ढहाएंगे: विक्रमादित्य सिंह

इस मुद्दे पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें शांतिपूर्वक और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना अपना विरोध जाहिर करना चाहिए. सीएम सुक्खू ने यह भी कहा था कि संजौली मस्जिद में कथित अवैध निर्माण के मुद्दे की सुनवाई स्थानीय नगरपालिका अदालत कर रही है और कानून अपना काम करेगा. हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विवादित मस्जिद का मामला कोर्ट में है. अगर निर्माण अवैध पाया गया तो उसे ढाहाया जाएगा.
 

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