हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की आरएसएस (RSS) के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर भाजपा ने जोरदार हंगामा किया. भाजपा विधायकों ने मंत्री की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने (एक्सपंज) और माफी मांगने की मांग की और नारे लगाते हुए सदन के बीच में (वेल) आ गए. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रश्नकाल से पहले मुद्दा उठाना चाहा, लेकिन स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने अनुमति नहीं दी. इससे नाराज भाजपा सदस्यों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद स्पीकर ने 25 मिनट के लिए सदन स्थगित कर दिया.
प्रश्नकाल के बाद जयराम ठाकुर ने कहा, 'राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आरएसएस के खिलाफ अपमानजनक और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया. 1925 में स्थापित आरएसएस ने देशसेवा में अहम भूमिका निभाई है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणियां सदन की कार्यवाही से हटाई जाएं और मंत्री माफी मांगें.' उन्होंने कहा कि जगत सिंह नेगी हिमाचल सरकार की छवि खराब कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू उन्हें रोकने में असमर्थ हैं.
जगत सिंह नेगी का बचाव करते हुए संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि टिप्पणी किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि एक संगठन के खिलाफ थी. राजनीतिक दलों का एक-दूसरे से जुड़े संगठनों पर बोलना आम बात है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी अपने मंत्री का बचाव करते हुए कहा, 'विपक्ष को जगत सिंह नेगी से व्यक्तिगत दुश्मनी है. जब भी वे बोलते हैं, भाजपा वॉकआउट कर लेती है. सदन की कार्यवाही बाधित करना उनकी आदत बन गई है.'
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने भाजपा सदस्यों से कहा कि वह मंत्री जगत सिंह नेगी की आरएसएस पर की गई टिप्पणियों की समीक्षा करेंगे और अगर कुछ अनुचित पाया गया तो उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा. इसके बाद सदस्यों के निजी विधेयकों पर चर्चा के दौरान कोरम पूरा न होने पर स्पीकर ने सदन सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया.
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