चंडीगढ़ में बीती 30 जनवरी को मेयर चुनाव हुआ था. इसमें आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था और दोनों ही दल इस जीत को लेकर आश्वस्त थे, लेकिन चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को जीत मिली थी. चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का रुख किया था, लेकिन हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद अब AAP सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है.
दरअसल आम आदमी पार्टी के एक पार्षद की ओर से चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजों पर रोक लगाने के लिए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके तुरंत बाद वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. माना जा रहा है कि AAP शीर्ष अदालत में त्वरित सुनवाई की गुहार लगाएगी.
याचिका में क्या है मांग?
इस याचिका में AAP पार्षद ने मांग की है कि मेयर की चुनाव प्रक्रिया को रद्द किया जाए. चुनाव से जुड़ा हुआ पूरा रिकॉर्ड सील किया जाए, मेयर का पदभार संभालने पर रोक लगाई जाए और इस पूरी चुनावी प्रक्रिया में हुई धांधली की जांच की जाए. इसके अलावा नए सिरे से हाई कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में चुनाव कराने का निर्देश जारी करने की भी अपील की गई है.
क्या है पूरा मामला?
बीते मंगलवार को चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव होने थे. नगर निगम में बीजेपी के 14, कांग्रेस के 7, आम आदमी पार्टी के 13 और शिरोमणि अकाली दल का एक और एक निर्दलीय पार्षद है. इसमें सांसद भी वोट डाल सकता है. इसके बाद AAP-कांग्रेस के 20 वोट और बीजेपी के पास निर्दलीय मिलाकर कुल 16 वोट हुए, लेकिन AAP-कांग्रेस के 8 वोट इनवैलिड हो गए और बीजेपी को 16 वोट मिले.
डिप्टी कमिश्नर द्वारा आठ वोटों को इनवैलिड किए जाने के खिलाफ आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया था. इसी के खिलाफ AAP पार्षदों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है.
संजय शर्मा