वडोदरा पुलिस ने एक बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने शहर के एक बंगले में चल रहे इंटरनेशनल कॉल सेंटर पर छापेमारी कर तीन युवकों, जिसमें स्वयं रावत, स्नेह पटेल और अंश पंचाल नामक शख्स को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी अमेरिका के नागरिकों को प्रिपेड या सॉफ्ट लोन का झांसा देकर ठग रहे थे.
पुलिस के अनुसार, आरोपी ‘प्रॉस्पर फंडिंग’ कंपनी के कर्मचारी बनकर बात करते थे और दस्तावेज भेजकर लोगों को भरोसे में लेते थे. वे अब तक 80 से ज्यादा विदेशी नागरिकों से करीब 30 लाख रुपये ठग चुके हैं.
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इंजीनियर के साथ युवक चला रहे थे फ्रॉड नेटवर्क
पुलिस जांच में सामने आया कि स्वयं रावत इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर है, जबकि अंश पंचाल मिकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारक है. स्नेह पटेल और अंश दोनों अंग्रेजी माध्यम से पढ़े हुए हैं और फर्राटेदार ब्रिटिश-अमेरिकन लहजे में बात करते थे, जिससे विदेशी लोग आसानी से झांसे में आ जाते थे.
आरोपी अमेरिकी बैंकों में लोन आवेदन करने वालों को कॉल करते थे और उनसे प्रिपेड लोन या सॉफ्ट लोन के नाम पर अग्रिम रकम मांगते थे. बदले में लोन की मंजूरी का दावा कर 20 फीसदी कमीशन ऐंठते थे. तीनों युवक पिछले दो महीनों से यह नेटवर्क चला रहे थे.
डेटा खरीदते और दूसरे कॉल सेंटरों को बेचते थे
पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी विभिन्न टेलीग्राम चैनलों से विदेशी ग्राहकों का डेटा खरीदते थे. एक ग्राहक का डेटा वे 80 रुपये में खरीदते थे और उसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे शहरों के कॉल सेंटर संचालकों को 100 रुपये प्रति ग्राहक बेच देते थे. इसके बाद यह टीम उन्हीं लोगों को कॉल कर धमकाकर या धोखा देकर डॉलर में रकम वसूलती थी.
फोरेंसिक जांच शुरू
पुलिस ने मौके से छह मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए हैं. फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से यह जांच की जाएगी कि कुल कितनी राशि किसके खाते में गई. पुलिस को उम्मीद है कि जांच आगे बढ़ने पर ठगी की राशि 30 लाख से भी अधिक निकल सकती है.
ब्रिजेश दोशी