वडोदरा में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़, इंजीनियर समेत तीन युवक प्रीपेड लोन के नाम पर 80 विदेशियों को ठगकर 30 लाख उड़ाए

वडोदरा पुलिस ने एक बंगलो में चल रहे फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर तीन युवकों-स्वयं राउत, स्नेह पटेल और अंश पंचाल को गिरफ्तार किया. आरोपी प्रीपेड या सॉफ्ट लोन का झांसा देकर अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिकों को ठगते थे. दो महीने में 80 विदेशियों से 30 लाख रुपए ऐंठे. पुलिस ने मोबाइल, लैपटॉप जब्त कर फोरेंसिक जांच शुरू की है.

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दो महीने में 30 लाख रुपए ऐंठे.(Photo: Brijesh Dosi/ITG) दो महीने में 30 लाख रुपए ऐंठे.(Photo: Brijesh Dosi/ITG)

ब्रिजेश दोशी

  • वडोदरा,
  • 22 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:48 PM IST

वडोदरा पुलिस ने एक बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने शहर के एक बंगले में चल रहे इंटरनेशनल कॉल सेंटर पर छापेमारी कर तीन युवकों, जिसमें स्वयं रावत, स्नेह पटेल और अंश पंचाल नामक शख्स को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी अमेरिका के नागरिकों को प्रिपेड या सॉफ्ट लोन का झांसा देकर ठग रहे थे.

पुलिस के अनुसार, आरोपी ‘प्रॉस्पर फंडिंग’ कंपनी के कर्मचारी बनकर बात करते थे और दस्तावेज भेजकर लोगों को भरोसे में लेते थे. वे अब तक 80 से ज्यादा विदेशी नागरिकों से करीब 30 लाख रुपये ठग चुके हैं.

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इंजीनियर के साथ युवक चला रहे थे फ्रॉड नेटवर्क

पुलिस जांच में सामने आया कि स्वयं रावत इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर है, जबकि अंश पंचाल मिकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारक है. स्नेह पटेल और अंश दोनों अंग्रेजी माध्यम से पढ़े हुए हैं और फर्राटेदार ब्रिटिश-अमेरिकन लहजे में बात करते थे, जिससे विदेशी लोग आसानी से झांसे में आ जाते थे.

आरोपी अमेरिकी बैंकों में लोन आवेदन करने वालों को कॉल करते थे और उनसे प्रिपेड लोन या सॉफ्ट लोन के नाम पर अग्रिम रकम मांगते थे. बदले में लोन की मंजूरी का दावा कर 20 फीसदी कमीशन ऐंठते थे. तीनों युवक पिछले दो महीनों से यह नेटवर्क चला रहे थे.

डेटा खरीदते और दूसरे कॉल सेंटरों को बेचते थे

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पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी विभिन्न टेलीग्राम चैनलों से विदेशी ग्राहकों का डेटा खरीदते थे. एक ग्राहक का डेटा वे 80 रुपये में खरीदते थे और उसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे शहरों के कॉल सेंटर संचालकों को 100 रुपये प्रति ग्राहक बेच देते थे. इसके बाद यह टीम उन्हीं लोगों को कॉल कर धमकाकर या धोखा देकर डॉलर में रकम वसूलती थी.

फोरेंसिक जांच शुरू

पुलिस ने मौके से छह मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए हैं. फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से यह जांच की जाएगी कि कुल कितनी राशि किसके खाते में गई. पुलिस को उम्मीद है कि जांच आगे बढ़ने पर ठगी की राशि 30 लाख से भी अधिक निकल सकती है.

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