सूरत शहर के लिंबायत इलाके में कपड़ा कारोबारी आलोक अग्रवाल की सरेआम हत्या के मामले में फरार चल रहा मुख्य आरोपी अशफाक कौवा आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया है. सूरत शहर क्राइम ब्रांच ने उसे वलसाड जिले के वापी के डूंगरा इलाके से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के दौरान उसने पुलिस पर चाकू से हमला कर दिया था, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली मार दी. घायल आरोपी को प्राथमिक इलाज के बाद सूरत लाया गया है.
घटना 2 अगस्त की है, जब लिंबायत थाना क्षेत्र के पर्वत पाटिया के पास आलोक अग्रवाल की चाकुओं से निर्मम हत्या कर दी गई थी. सीसीटीवी फुटेज में तीन से चार हमलावर करीब 60 बार चाकू से वार करते हुए नजर आए थे. इस मामले में पुलिस ने पहले ही दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन हत्या की सुपारी देने वाला अशफाक कौवा फरार था.
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जानकारी के मुताबिक, कारोबारी आलोक अग्रवाल ने कुछ दिन पहले अशफाक को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारकर अपमानित किया था. इसी रंजिश के चलते अशफाक ने अपने साथियों को सुपारी देकर कारोबारी की हत्या कराई. वह हत्या के बाद फरार हो गया था और वलसाड के वापी क्षेत्र में अपने एक साथी के साथ छिपा हुआ था.
क्राइम ब्रांच को उसके ठिकाने की जानकारी मिलने पर पुलिस टीम वहां पहुंची. गिरफ्तारी के समय अशफाक ने पुलिस इंस्पेक्टर जे.एन. गोस्वामी पर चाकू से हमला कर दिया. इसके बाद पुलिस इंस्पेक्टर ने सर्विस रिवाल्वर से गोली चलाई, जो उसके पैर में लगी. घायल आरोपी को तुरंत वापी के हरिया अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे सूरत लाया गया.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी भावेश रोजिया ने बताया कि अशफाक कौवा के खिलाफ पहले से ही पांच से छह मामले दर्ज हैं. वह सूरत सहित गुजरात और महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में छिपता रहा था. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई दिनों से लगातार छापेमारी कर रही थी. अशफाक कौवा पर न केवल हत्या की सुपारी देने का आरोप है, बल्कि गिरफ्तारी के दौरान पुलिस पर जानलेवा हमला करने का भी केस वलसाड के डूंगरा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है.
फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और हत्या में शामिल बाकी लोगों की तलाश जारी है. आलोक अग्रवाल की निर्मम हत्या से सूरत का कारोबारी समुदाय स्तब्ध है. पुलिस का कहना है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए ठोस सबूत अदालत में पेश किए जाएंगे.
संजय सिंह राठौर