अहमदाबाद: पत्रकार महेश लांगा की मुसीबत बढ़ी, 28 लाख की धोखाधड़ी की एक और FIR दर्ज

जीएसटी (GST) फ्रॉड मामले में गिरफ्तार पत्रकार महेश लांगा की मुसीबतें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. महेश लांगा के खिलाफ 28 लाख रुपये के फ्रॉड की एक और एफआईआर अहमदाबाद के एक व्यापारी द्वारा क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई गई है.

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फाइल फोटो. फाइल फोटो.

अतुल तिवारी

  • अहमदाबाद,
  • 29 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 9:17 PM IST

जीएसटी (GST) फ्रॉड मामले में गिरफ्तार पत्रकार महेश लांगा की मुसीबतें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. महेश लांगा के खिलाफ 28 लाख रुपये के फ्रॉड की एक और एफआईआर अहमदाबाद के एक व्यापारी द्वारा क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई गई है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक अब तक की गई जांच में सामने आया है की पिछले दो साल में फर्जी कंपनियों के माध्यम से महेश लांगा ने 20 करोड़ रुपये जितना फ्रॉड किया है.

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दरअसल, पत्रकार महेश लांगा के खिलाफ दूसरी शिकायत दर्ज कराने वाले व्यापारी अपनी कंपनी के माध्यम से विज्ञापन का काम करते है. व्यापारी और लांगा की पहचान दो साल पहले हुई थी. लांगा ने खुद को मीडिया में काम करने वाले एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में पेश किया था. लांगा ने व्यापारी की विज्ञापन संबंधी जरूरतों में सहायता करने की पेशकश करके दावा किया था कि वह अपने संपर्कों का लाभ उन्हें दिला सकता है. जिसके बाद पत्रकार लांगा ने 16 मार्च और 6 जून 2024 को बैंक के माध्यम से 23 लाख की रकम कॉर्पोरेट कार्यालय खरीदने में सहायता करने के लिए व्यापारी से हासिल की थी. 

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पत्नी कविता के जन्मदिन पर बैंक्वेट हॉल की व्यवस्था

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इसके बाद सितंबर महीने में पत्नी कविता के जन्मदिन पर बैंक्वेट हॉल की व्यवस्था करने के लिए व्यापारी से सहायता मांग कर 5 लाख 68 हजार 250 रुपये का बिल व्यापारी से दिलाया था. यह रुपये वापिस कर देने का वायदा भी लांगा ने किया था, जो कभी नहीं लौटाया गया. व्यापारी द्वारा जब पत्रकार लांगा से 5 लाख  68 हजार 250 रुपये वापिस मांगे तो उसे डराया और धमकाया था. 

उसका नकारात्मक कवरेज करके उसे बर्बाद करने की धमकी दी थी. इसके बाद जब व्यापारी को पता चला की पत्रकार लांगा को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने जीएसटी फ्रॉड मामले में गिरफ्तार किया है, तो व्यापारी ने क्राइम ब्रांच में पहुंचकर लांगा के खिलाफ पर्याप्त सबूत दिए. जिसमें व्यापारी ने अपनी कंपनी के अकाउंट से दिये 23 लाख रुपये के बैंक लेनदेन के रिकॉर्ड और जेड बैंक्वेट हॉल को भुगतान किए गए 5 लाख 68 हजार 250 रुपये की रसीद दिखाई.

बता दें की जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) की रिपोर्ट के अनुसार, ध्रुवी इंटरप्राइजेज नामक एक फर्जी कंपनी और ध्रुवी एंटरप्राइजेज से जुड़ी 12 अन्य कंपनियों के खिलाफ 7 अक्टूबर 2024 को एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसकी जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं और क्राइम ब्रांच ने अब तक कुल 17 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है.

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पत्रकार महेश लांगा को लेकर अब तक पुलिस के हाथ जो भी तथ्य लगे है उसकी जानकारी देते हुए अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर जीएस मालिक ने कहा कि, फर्जी कंपनियों के माध्यम से सरकारी खजाने को धोखा देने के उद्देश्य से जाली बिलों का इस्तेमाल किया गया है. DGGI की रिपोर्ट के अनुसार, एक ही मोबाइल नंबर, पैन कार्ड जैसे समान क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल अन्य 220 संदिग्ध फर्जी कंपनियों को बनाने के लिए किया गया है. क्राइम ब्रांच ने जब भावनगर, सूरत, जूनागढ़, राजकोट, अहमदाबाद समेत राज्य भर में 19 स्थानों पर छापेमारी करके 29 कंप्यूटर, 38 मोबाइल, 7 लैपटॉप और कई दस्तावेज जब्त किए हैं और उन्हें फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेज दिया गया है.

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