गुजरात एटीएस ने अलकायदा से जुड़े एक खतरनाक मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 4 आतंकियों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों के अनुसार यह मॉड्यूल पहले सामने आए आतंकी नेटवर्क से बिल्कुल अलग था. जिसकी वजह से उसे डीकोड करने में वक्त लगा. इसका कोई स्पष्ट टारगेट या हमले की तारीख नहीं थी, जिससे इसका उद्देश्य और ऑपरेशन को समझना मुश्किल हो गया था.
गिरफ्तार किए गए चारों संदिग्धों की पहचान दिल्ली निवासी मोहम्मद फैक मोहम्मद रिजवान, अहमदाबाद निवासी मोहम्मद फरदीन, मोडासा निवासी सेफुल्ला कुरैशी और नोएडा निवासी जिशान के रूप में हुई है. ये सभी सामान्य परिवारों से ताल्लुक रखते हैं और रेस्तरां, दुकान या फर्नीचर शॉप में काम करते थे.
एटीएस अधिकारियों के मुताबिक ये मॉड्यूल किसी स्थान या व्यक्ति को निशाना बनाने के बजाय लोगों को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ने के मकसद से काम कर रहा था. सोशल मीडिया पर चल रहे अभियानों के जरिए ये लोग भारत में शरिया लागू करने, लोकतंत्र खत्म करने और भड़काऊ संदेशों के ज़रिए युवाओं को उकसाते थे.
अधिकारियों ने बताया कि ये चारों आतंकी एक-दूसरे के संपर्क में थे और इनका मकसद जिहाद की बातों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना और उनको उकसाना है. पकड़े गए आतंकियों ने इंस्टाग्राम पर 5 अकाउंट्स के जरिए जिहादी विचारधारा फैलाने वाले वीडियो और पोस्ट अपलोड किए थे, जिनमें वे कहते थे कि जिहाद के लिए बम नहीं, सिर्फ चाकू ही काफी है. यह मॉड्यूल अपने संदेश के माध्यम से यह दर्शाना चाहता था कि हिंसा की शुरुआत सिर्फ धारदार हथियारों से भी की जा सकती है.
एक वीडियो में वे जिहाद से इनकार करने वालों को 'काफिर' बताते दिखे. सोशल मीडिया विश्लेषण के जरिए ATS ने इन संदिग्धों की पहचान की, जिसके बाद एक महीने तक चली निगरानी के बाद इन्हें पकड़ा गया. पूछताछ में यह भी सामने आया कि दिल्ली का मोहम्मद फैक पाकिस्तान के कुछ संदिग्धों से संपर्क में था. अब यह जांच की जा रही है कि उसका संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी या सेना से है या नहीं. इन चारों के फोन और सोशल मीडिया से बड़ी मात्रा में चैट, वीडियो और डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच जारी है.
ब्रिजेश दोशी