गुजरात की राजनीति में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी ने उस समय समय बड़ी सफलता हासिल की थी जब सूरत नगर निगम चुनाव में उसके 27 पार्षद जीत गए. तब बीजेपी के लिए चुनौती थी और कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी. लेकिन अब उन 27 पार्षदों में से पांच ने आप छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है.
उन पांच पार्षदों का नाम हैं विपुल मौलिया, भावनाबेन सोलंकी, ज्योतिकाबेन लाठिया, मनीषाबेन कुकड़िया और रूता काकड़िया. इन सभी ने बीजेपी सरकार के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली है. लेकिन आप की नजरों में बीजेपी ने बड़ा धोखा किया है. उनके पार्षदों को खरीदा गया है. आप के गुजरात अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने कहा है कि बीजेपी निचले स्तर की राजनीति कर रही है. उसने हमारे पार्षदों को खरीदा है.
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि उनकी पार्टी में हर उस सदस्य का स्वागत है जो उनकी विचारधारा का सम्मान करता है. अब इस समय सूरत नगर निगम में आप के 22 पार्षद रह गए हैं. पार्टी के लिए ज्यादा बड़ी चुनौती इसलिए खड़ी हो गई है क्योंकि गांधीनगर नगर निगम चुनाव और निकाय चुनाव में पार्टी बीजेपी के सामने कही नहीं टिक पाई थी. ऐसे में सूरत ही एक जगह थी जहां पर आप खुद को मजबूत कर पाई थी.
वैसे अब गुजरात में आप के ही कुछ नेताओं ने पार्टी के प्रति वफादारी नहीं दिखाई लेकिन गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अलग ही तरीका अपना रखा है. वहां पर अपने सभी उम्मीदवारों से शपथ दिलवाई गई है कि वे अपनी पार्टी के प्रति ईमानदार और वफादार रहेंगे. सीएम केजरीवाल का तर्क है कि ऐसा होने से लोगों को भरोसा रहेगा कि उनके प्रत्याशी साफ नीयत के साथ उनकी सेवा करने जा रहे हैं.
गोपी घांघर