अहमदाबाद के मेघाणीनगर में 12 जून को एअर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ था, जिसके बाद शवों की पहचान परिजनों के DNA मिलान से की गई. गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि प्लेन क्रैश के बाद अब तक 260 शवों की पहचान हुई है, सभी शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं. प्लेन में सवार 241 मृतकों और प्लेन क्रैश साइट पर 13 स्थानीय मृतकों के शव मिलाकर कुल 254 शवों की पहचान उनके परिजनों के डीएनए से की गई है. इनके अलावा 6 अन्य स्थानीय लोगों की पहचान चेहरे से हो गई.
ऋषिकेश पटेल के मुताबिक जिन 260 शवों की पहचान हुई है, उनमें प्लेन में सवार 181 भारतीय, 52 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाल और 1 कैनेडियन नागरिक शामिल है. इनके अलावा 19 नॉन पैसेंजर यानी स्थानीय नागरिकों की मौत भी प्लेन क्रैश साइट पर हुई है. अब तक 260 शवों में से 31 शव हवाई मार्ग से, जबकि 229 शवों को सड़क मार्ग से उनके परिजनों के घर तक पहुंचाया गया है.
एअर इंडिया के प्लेन में यात्री और क्रू मेंबर समेत कुल 242 लोग मौजूद थे. लेकिन इस भयावह हादसे में एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश चमत्कारिक रूप से बच गए थे, जबकि 241 लोगों की मौत हो गई थी.
वहीं, टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी TATA Sons ने अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया दुर्घटना के पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने के लिए एक ट्रस्ट बनाया है, जिसके लिए बोर्ड से मंजूरी मांगी है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने गुरुवार को अंतरिम बोर्ड मीटिंग में ट्रस्ट के बारे में बोर्ड को जानकारी दी है.
रिपोर्ट का दावा है कि टाटा संस ने ट्रस्ट के लिए 500 करोड़ रुपये के आवंटन की मंजूरी मांगी गई है. TATA ग्रुप की होल्डिंग कंपनी ने पहले दो अलग-अलग ट्रस्ट बनाने पर विचार किया था. एक भारतीय नागरिकों के परिवारों के लिए और दूसरा लंदन जाने वाली फ्लाइट्स की दुर्घटना में मारे गए विदेशी नागरिकों के लिए.
अतुल तिवारी