अपनी स्वर्गवासी पत्नी के कार्ड पर साथी महिला डॉक्टर की तस्वीर लगाने के आरोपी डॉक्टर हरीश भल्ला के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. डॉक्टर भल्ला पर आरोप है कि सार्वजनिक तौर पर जिसे भतीजी बताते रहे और वो डॉक्टर जो उनको अंकल कह कर बुलाती रही, उसे ही अपने शातिरपने का शिकार बना लिया.
हौजखास में रहने वाली त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दीपाली भारद्वाज की शिकायत सात सालों से एफआईआर में तब्दील होने का इंतजार करती रही. क्योंकि डॉक्टर हरीश भल्ला ने साकेत कोर्ट में उल्टे डॉक्टर भारद्वाज के खिलाफ अर्जी लगा रखी थी. डॉक्टर भल्ला कोर्ट में भी कानून को गच्चा देते रहे.
आखिरकार साकेत कोर्ट में महानगर दंडाधिकारी अंकित गर्ग की अदालत ने डॉक्टर भल्ला को कोई भी मोहलत या रियायत देने से इंकार कर दिया. क्योंकि अदालत ने पहले ही उनको कई बार मोहलत देते हुए सुनवाई टाली थी।. लेकिन इसके बावजूद डॉक्टर दीपाली के खिलाफ अपनी शिकायत के दावों के समर्थन में डॉक्टर भल्ला अदालत के सामने एक भी सबूत नहीं दे सके.
इसके बाद अदालत ने डॉक्टर भल्ला की अर्जी खारिज कर दी. फिर इस आदेश के छह महीने बाद दिल्ली पुलिस ने डॉक्टर भल्ला के खिलाफ फ्रॉड, दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा, अमानत में खयानत करने सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली. पुलिस के मुताबिक एफआईआर के बाद डॉक्टर भल्ला के खिलाफ आगे कानूनी कार्रवाई जारी है.
डॉक्टर भल्ला पर आरोप है कि उसने अपनी धाक और रसूखों के हवाले से झांसा देते हुए डॉक्टर दीपाली के साथ मेडिकल सेमिनार और घर क्लीनिक में तस्वीरें खिंचाई. उन्हीं तस्वीरों का हवाला देकर वो आईएचसी यानी इंडिया हैबिटेट सेंटर की सदस्यता बनाए रखी. ये सदस्यता उनकी पत्नी कुसुम भल्ला के नाम पर थी. जिनका वर्षों पहले निधन हो गया था. लेकिन डॉक्टर भल्ला ने कुसुम की जगह फ्रॉड कर के दीपाली भारद्वाज की तस्वीर लगा रखी थी.
डॉक्टर भल्ला सेमिनारों के प्रोग्राम तैयार करने के बहाने कभी कभार डॉक्टर दीपाली को आईएचसी को में बुलाते भी रहते थे ताकि किसी को शक न हो. डिफेंस कॉलोनी थाने में 8 जून को दर्ज एफआईआर पर थाना प्रभारी का कहना है कि आरोपी डॉक्टर भल्ला के खिलाफ समुचित कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया जारी है.
संजय शर्मा