Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी में कई इलाकों में लगातार धुंध की परत देखने को मिल रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(CPCB) के अनुसार, दिल्ली का AQI कई क्षेत्रों में 'बहुत खराब' श्रेणी में बना हुआ है. दिल्ली के बवाना, अलीपुर, सोनिया विहार, आनंद विहार और वजीरपुर में AQI सुबह 6 बजे 400 से ज्यादा 413, 416 तक रिकॉर्ड किये गए हैं. बाकी दिल्ली में भी ज्यादातर जगहों पर 350 से ज्यादा है. सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, 24 नवंबर (सुबह 7 बजे) को दिल्ली का औसत AQI 370 दर्ज किया गया है. इसके साथ ही कई जगहों का AQI अभी भी 400 से अधिक दिखा रहे हैं. प्रदूषण के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं. वहीं, राजधानी के कई हिस्सों में स्मॉग की परत देखने मिली.
दिल्ली का औसत AQI 370
सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI 370 रहा. पिछले 48 घंटों से AQI लगातार गंभीर और गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. अभी भी हवा की गति धीमी है और तापमान कम है और आर्द्रता भी अधिक है और इसी कारण चारों ओर स्मॉग की चादर दिखाई दे रही है. लंबे समय तक ऐसी आबोहवा के संपर्क में रहने से लोगों को सांस संबंधी बीमारी हो सकती है. फेफड़े और हृदय रोग से संबंधित लोग अधिक प्रभावित होते हैं.
एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में सुबह 7 बजे AQI
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में कितना है AQI
| दिल्ली के इलाके | AQI |
| अलीपुर | 413 |
| आनंद विहार | 416 |
| अशोक विहार | 397 |
| आया नगर | 313 |
| बवाना | 406 |
| बुराड़ी | 363 |
| चांदनी चौक | 359 |
| DTU | 371 |
| डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज | 363 |
| द्वारका सेक्टर-8 | 405 |
| आईजीआई एयरपोर्ट | 326 |
| दिलशाद गार्डन | 383 |
| आईटीओ | 323 |
| जहांगीरपुरी | 408 |
| जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम | 348 |
| मेजर ध्यान चंद स्टेडियम | 375 |
| मंदिर मार्ग | 332 |
| मुंडका | 392 |
| द्वारका एनएसआईटी | 323 |
| नजफगढ़ | 321 |
| नरेला | 414 |
| नेहरू नगर | 410 |
| नॉर्थ कैंपस | 350 |
| ओखला फेस-2 | 376 |
| पटपड़गंज | 392 |
| पंजाबी बाग | 375 |
| पूसा DPCC | 329 |
| पूसा IMD | 313 |
| आरके पुरम | 377 |
| रोहिणी | 388 |
| शादीपुर | 387 |
| सिरीफोर्ट | 360 |
| सोनिया विहार | 411 |
| अरबिंदो मार्ग | 343 |
| विवेक विहार | 409 |
| वजीरपुर | 415 |
कैसे मापी जाती है एयर क्वालिटी?
अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 AQI होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’माना जाता है, अगर किसी जगह का AQI 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का AQI ‘खराब’ माना जाता है. अगर AQI 301 से 400 के बीच हो तो ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI होने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इसी के आधार पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप श्रेणी की पाबंदियां लगाई जाती हैं. आपको बता दें ग्रैप-2 लागू होने के बाद 5 प्रमुख पाबंदियां भी लग गई हैं.
क्या होता है ग्रैप?
ग्रैप का मतलब GRAP से है. GRAP का फुल फॉर्म ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान है. ये सरकार की एक योजना है, जिसे दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ बनाया गया है. इस प्लान के जरिए प्रदूषण को कंट्रोल किया जाता है. दरअसल, इसके कई चरण हैं और ये चरण भी बढ़ते प्रदूषण के साथ बढ़ते जाते हैं. जैसे जैसे चरण बढ़ते हैं, वैसे वैसे दिल्ली में पाबंदियां भी बढ़ती जाती हैं.
GRAP के 4 चरण होते हैं
प्रदूषण से बचाव के उपाय
प्रदूषण से बचने के लिए घर से बाहर निकलने पर अपने मुंह और नाक को अच्छे से ढंक लें या मास्क लगा कर निकलें. आंखों की एलर्जी से बचने के लिए आंखों पर चश्मा लगाकर निकलें. ज्यादा प्रदूषण में घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. वहीं, घर के बच्चे और बुजुर्गों को बाहर निकलने से रोके. ऐसे में पार्क में खेलने जाने वाले बच्चों को घर पर ही इनडोर गेम्स खेलने को कहें. अगर आप मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर जाते हैं तो कुछ दिन बाहर न जाएं, नहीं तो ज्यादा प्रदूषण में सांस संबंधी समस्या हो सकती है.
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