कल शाम से वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण दिल्ली-एनसीआर में तत्काल प्रभाव से GRAP-III (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू कर दिया गया है. ग्रैप-III लागू होने के बाद दिल्ली-एनसीआर में सभी गैर जरूरी निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर रोक रहेगी. दिल्ली में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों पर भी प्रतिबंंध लागू रहेगा. एनसीआर के शहरों नोएडा, गुरुग्रामों, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों को लेकर स्थानीय प्रशासन फैसला लेगा.
दिल्ली के 25 इलाकों में कल शाम को एक्यूआई गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि 10 इलाकों में हवा बेहद खराब रही. आज सुबह भी यही स्थिति कायम रही. मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार तक वायु गुणवत्ता में सुधार होने के संकेत नहीं मिल रहे. इनमें नेहरू नगर में 463, द्वारका सेक्टर-8 में 454, पंजाबी बाग में 446, आनंद विहार में 445, आरके पुरम में 439 व ओखला फेज 2 में 438 एक्यूआई दर्ज किया गया. अरबिंदो मार्ग में 400, जेएलएन में 392, नजफगढ़ व अशोक विहार में 381, आईटीओ में 376 व बुराड़ी क्रॉसिंग में 369 एक्यूआई रहा.
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक एनसीआर के शहरों में गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर सबसे कम रहा. यहां एक्यूआई 314 रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. नोएडा में 362, ग्रेटर नोएडा में 338, गुरुग्राम में 335 व फरीदाबाद में 330 एक्यूआई दर्ज किया गया. यानी एनसीआर के सभी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रही. एक्यूआई लेवल 0 से 50 के बीच होने पर वायु की गुणवत्ता अच्छी श्रेणी में मानी जाती है. एक्यूआई का लेवल 51-100 तक संतोषजनक, 101-200 तक मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब, 401-500 गंभीर और 500 से ज्यादा होने पर अति गंभीर श्रेणी में माना जाता है.
सीएक्यूएम ने राज्य सरकारों को 5वीं कक्षा तक की कक्षाएं बंद करने पर फैसला लेने की सलाह दी है. ग्रैप इमरजेंसी उपायों का एक समूह है, जिसे दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी में गिरावट को रोकने के लिए लागू किया जाता है. इसे सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद साल 2017 में नोटिफाई किया गया था. इसे वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Commission for Air Quality Management) की सिफारिश के बाद लागू किया जाता है.
कुमार कुणाल