त्योहारी सीजन पर दिल्लीवासियों को राहत, 60 अतिरिक्त फेरे लगाएगी मेट्रो

दिल्ली में त्योहारों के कारण मेट्रो स्टेशन पर भारी भीड़ देखी जा रही है, जिसको देखते हुए डीएमआरसी ने 29 और 30 अक्टूबर को 60 अतिरिक्त फेरे जोड़ने का फैसला किया है. वहीं, वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए भी यह कदम उठाया गया है.

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कुमार कुणाल

  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 5:08 PM IST

दिल्ली में इन दिनों दिवाली के चलते मेट्रो स्टेशनों पर काफी भीड़ देखी जा रही है. इसी वजह से दिल्ली मेट्रो सभी यात्रियों के लिए सुगम और अधिक सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए 29 अक्टूबर, मंगलवार और 30 अक्टूबर, बुधवार को 60 अतिरिक्त फेरे जोड़ रही है. दरअसल, त्योहारों के दौरान होने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. 

दिल्ली मेट्रो के यात्रियों के लिए गुड न्यूज

दिल्ली मेट्रो में 29 और 30 अक्टूबर को 60 अतिरिक्त फेरे जोड़ने का फैसला इसलिए लिया गया है ताकि लोग आवागमन के लिए मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल अधिक कर सकें, जिससे सड़कों पर वाहनों का ट्रैफिक कम हो सके. बता दें कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले धुएं की हिस्सेदारी अधिक होती है. सड़कों पर वाहनों के दबाव के कारण लगने वाले ट्रैफिक जाम के कारण भी प्रदूषण फैलता है. इसको देखते हुए मेट्रो के फेरे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है ताकि लोग अपने निजी वाहन को छोड़कर सफर के लिए मेट्रो का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर सकें. 

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दिल्ली में वाहनों के उत्सर्जन से सबसे ज्यादा प्रदूषण

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, रविवार को दिल्ली में प्रमुख प्रदूषक पीएम10 और पीएम2.5 थे. आंकड़ों के मुताबिक, शाम 5 बजे PM2.5 का स्तर 110.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया.

PM2.5: ये सूक्ष्म कण है, जो श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश करने और स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देने में सक्षम है.

PM10: वह कण है जिसका व्यास 10 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है. हवा में निलंबित ये छोटे ठोस या तरल कण फेफड़ों में गहराई तक जा सकते हैं, जिससे संभावित रूप से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, रविवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों के उत्सर्जन का सबसे बड़ा योगदान था, जो लगभग 13 प्रतिशत था. इसमें अनुमान लगाया गया है कि अगले दो दिनों में दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों से होने वाला प्रदूषण सबसे ज्यादा रहेगा. आंकड़ों की बात करें तो एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में PM2.5 का प्रदूषण, 38% सड़क की धूल से, 20% वाहनों से, 12% घरेलू ईंधन जलाने से और 11% औद्योगिक बिंदु स्रोतों से आया था.

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