देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक ऐसे शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जो मृत लोगों की पहचान का दुरुपयोग कर बैंकों से करोड़ों रुपये के लोन लेने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.
आरोपी की पहचान 45 साल के सुरेश कुमार के रूप में हुई है, जो नंद नगरी का रहने वाला है और साइबर कैफे चलाता है. पुलिस के अनुसार सुरेश कुमार को 2 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया. उसकी गिरफ्तारी साल 2015 में दर्ज एक मामले में हुई है, जिसमें आरोप है कि उसने एक बैंक से 3.2 करोड़ रुपये का लोन फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए लिया था. इस मामले में शिकायतकर्ता सोनल जैन ने आरोप लगाया था कि उनके दिवंगत पति महेंद्र कुमार जैन के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन लिया गया.
पुलिस ने बताया कि लंबे समय तक जांच के बावजूद आरोपी की पहचान नहीं हो सकी थी. आखिरकार, फर्जी दस्तावेजों पर लगे अंगूठे के निशानों की फॉरेंसिक जांच कराई गई, जो सुरेश कुमार के फिंगरप्रिंट से मेल खा गई, जिससे जांच में बड़ी सफलता मिली.
पूछताछ में सुरेश ने कबूला कि वह फर्जी विक्रय पत्र (सेल डीड), ई-स्टांप पेपर और नकली मुहरें तैयार करता था और इन्हें इस्तेमाल कर कई ग्राहकों को लोन दिलाने में मदद करता था. पुलिस के अनुसार सुरेश के खिलाफ अब तक 18 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 5 ईओडब्ल्यू में और 13 केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में दर्ज हैं.
पुलिस ने बताया कि उसने कई बैंकों से करोड़ों रुपये के लोन फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे दिलवाए और कई लोगों की पहचान का गलत इस्तेमाल किया. उसने यह भी खुलासा किया है कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए किन स्थानों का इस्तेमाल किया जाता था.
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