दिल्ली में 40 फीसदी लोग ड्राइविंग टेस्ट में हो रहे थे फेल, खासकर महिलाएं, आज से लागू हो रहे ये 5 बदलाव

दिल्ली में ड्राइविंग टेस्ट के लिए 15 ट्रैक हैं, जबकि 13 ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक हैं. हर ट्रैक पर हर रोज 200 उम्मीदवार टेस्ट देते हैं. वहीं, आंकड़ों के मुताबिक, 40% लोग इस टेस्ट में फेल हो जाते हैं. दिल्ली के ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक कमेटी का गठन किया था, कमेटी को इस मामले मे सुझाव देने थे. कमेटी के सुझाव के बाद ये बदलाव 8 अगस्त से प्रभावी हो गए.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 1:20 PM IST

दिल्ली सरकार ने ड्राइविंग टेस्ट को लेकर तमाम बड़े बदलाव किए हैं. बताया जा रहा है कि ड्राइविंग टेस्ट लोगों के असफल होने की बढ़ती संख्या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक में संशोधन करने को लेकर आदेश जारी किए हैं. बताया जा रहा है कि इन बदलावों के बाद काफी हद तक लोगों के लिए ड्राइविंग टेस्ट करना आसान हो जाएगा. 

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दिल्ली में ड्राइविंग टेस्ट के लिए 15 ट्रैक हैं, जबकि 13 ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक हैं. हर ट्रैक पर हर रोज 200 उम्मीदवार टेस्ट देते हैं. वहीं, आंकड़ों के मुताबिक, 40% लोग इस टेस्ट में फेल हो जाते हैं. दिल्ली के ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक कमेटी का गठन किया था, कमेटी को इस मामले मे सुझाव देने थे. कमेटी के सुझाव के बाद ये बदलाव 8 अगस्त से प्रभावी हो गए. 

अधिकारियों के मुताबिक, ड्राइविंग से संबंधित नहीं होने वाली चीजों के चलते लोगों के ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने के मामले बढ़ रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि जैसे दोपहिया वाहन चालकों के लिए अंतिम सर्कल की चौड़ाई अन्य दो सर्किलों की तुलना में छोटी थी. ऐसे में लोगों को वैलेंस बनाए रखने के लिए जमीन पर पैर रखने पड़ते थे और वे फेल हो जाते थे. 

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समाचार एजेंसी के मुताबिक, लोगों के ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने के चलते पेंडेंसी भी बढ़ रही थी. दरअसल, एक बार फेल होने के बाद उस व्यक्ति को अगले हफ्ते में अगली डेट दी जाती थी, ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों के फेल होने से लंबित केस भी बढ़ रहे थे.  अब अंतिम सर्कल की चौड़ाई भी अन्य दो सर्किलों के बराबर कर दी गई है. अब लोगों को पैर रखने की अनुमति दी गई है. इस मामले में महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत होती थी. 
 
अब नए नियमों के मुताबिक, लोगों को पहले से ही बता दिया जाएगा कि टेस्ट देते वक्त उन्हें सीट बेल्ट का इस्तेमाल करना पड़ेगा. कई बार कई लोग सील्ट बेल्ट न लगाने पर फेल हो जाते थे. एक टेस्ट ट्रैक में छह सेक्शन होते हैं. इसमें ड्राइवर को 8 फॉर्मेशन में ड्राइविंग, ओवरटेक करना, ट्रैफिक जंक्शन पर रुकना, रैंप पर रुकना और बिना पीछे लुढ़के आगे बढ़ना, 120 सेकंड में एस फॉर्मेशन और 90 सेकंड में पार्किंग शामिल है. 
 
इन 5 नियमों में हुआ बदलाव

 कैटेगरी पुराने नियम  नए नियम
येलो लाइन पर टच फेल   अब फेल नहीं होंगे
बिना सीट बेल्ट गाड़ी चलाने पर फेल अब पहले से जानकारी दी जाएगी
रिवर्स S टेस्ट के लिए समय   180 सेकेंड 200 सेकेंड
पैरेलल पार्किंग के लिए समय 120 सेकेंड 150 सेकेंड
दो पहिया चलाते वक्त पैर जमीन पर छूने पर फेल अब फेल नहीं


 

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