दिल्ली में फर्जी CBI अफसर बनकर आए बदमाश, कारोबारी के ऑफिस से लूट ले गए 2.3 करोड़, गैंग में महिला भी शामिल

दिल्ली के विवेक विहार इलाके में सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर आए एक गैंग ने कारोबारी के दफ्तर से करीब 2.3 करोड़ रुपये की लूट कर ली. पुलिस की तफ्तीश में खुलासा हुआ कि गिरोह ने नकली रेड डालकर वारदात को अंजाम दिया. कारोबारी के कर्मचारियों को बंधक बनाकर पैसे लूट लिए. इस हाई-प्रोफाइल लूटकांड में दो आरोपी अरेस्ट हुए हैं और 1.08 करोड़ रुपये बरामद किए जा चुके हैं.

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फर्जी सीबीआई अफसर बनकर लूटे दो करोड़. (Photo: AI-generated) फर्जी सीबीआई अफसर बनकर लूटे दो करोड़. (Photo: AI-generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST

राजधानी दिल्ली में सनसनीखेज वारदात सामने आई है. यहां नकली सीबीआई अफसर बनकर आए गैंग ने कारोबारी के दफ्तर से 2.3 करोड़ रुपये की लूट कर ली. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है. पुलिस ने एक करोड़ से ज्यादा का कैश भी बरामद कर लिया है.

एजेंसी के अनुसार, यह मामला पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार इलाके का है. पुलिस का कहना है कि शिकायतकर्ता मनप्रीत फाइनेंस, प्रॉपर्टी डीलिंग और कंस्ट्रक्शन के बिजनेस से जुड़े हैं. मनप्रीत गाजियाबाद के इंदिरापुरम के रहने वाले हैं. उन्होंने कहा कि ऑफिस में करीब ढाई करोड़ रुपये रखे थे.

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19 अगस्त को मनप्रीत ने अपने दोस्त रवि शंकर को करीब 1.10 करोड़ रुपये ऑफिस से लेकर घर आने के लिए कहा. जैसे ही रवि शंकर कैश से भरा बैग लेकर ऑफिस से बाहर निकला तो दो कारों में सवार चार लोगों ने उसे रोक लिया. इनमें एक महिला भी शामिल थी. इन लोगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए शंकर के साथ मारपीट की और कैश से भरा बैग छीन लिया.

इसके बाद आरोपी जबरन रवि शंकर को ऑफिस के भीतर ले गए और वहां मौजूद मनप्रीत के कर्मचारी दीपक महेश्वरी को भी बुरी तरह पीटा. ऑफिस में रखा शेष कैश भी उठा ले गए. गिरोह ने दोनों को अपनी गाड़ियों में बंधक बना लिया. रवि शंकर को चिंतामणि अंडरपास के पास और महेश्वरी को निगमबोध घाट के पास धमकाते हुए छोड़ दिया.

यह भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस की फर्जी अफसर बनकर 3 साल से कर रही थी ठगी, बेरोजगारों को नौकरी का दिया झांसा

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इस मामले की शिकायत मनप्रीत ने पुलिस से की. शिकायत के बाद पुलिस ने विवेक विहार थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू की. पुलिस ने घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें आरोपियों की गाड़ियां नजर आईं. जांच में पता चला कि ये वाहन दिल्ली के साकेत स्थित एक एनजीओ के नाम पर किराए पर लिए गए थे.

तफ्तीश के बाद पुलिस ने फरीदाबाद से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया. इनमें एक महिला 31 वर्षीय पापोरी बरुआ शामिल है, जो असम की रहने वाली है और एनजीओ की सचिव है. वहीं दूसरा आरोपी 32 साल का दीपक है, जो तुगलकाबाद का रहने वाला है. दोनों की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उनके पास से 1.08 करोड़ रुपये कैश बरामद किए हैं.

डीसीपी (शाहदरा) प्रशांत गौतम ने बताया कि शेष आरोपियों की पहचान की जा चुकी है. उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. वहीं, बाकी रकम की बरामदगी के प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं. फिलहाल गिरफ्तार दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है.

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