18 करोड़ की मदद, डेढ़ साल के कनव के लिए कुछ इस तरह 'भगवान' बने लोग

कनव जब पैदा हुआ तो उनको जेनेटिक बीमारी थी. इसकी वजह से कनव के पैरों में बिल्कुल जान नहीं थी. वो खड़ा नहीं हो सकते था. पैर काम नहीं कर रहे थे. यह बीमारी धीरे-धीरे पैरों से उपर शरीर में जाने लगी और कनव को बैठने में दिक्कत होने लगी. कनव के माता-पिता ने बहुत सारे टेस्ट करवाए थे.

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18 महीने का कनव (Screengrab). 18 महीने का कनव (Screengrab).

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:24 PM IST

18 महीने का कनव दुर्लभ जेनेटिक बीमारी स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (genetic spinal muscular atrophy) बीमारी से पीड़ित है. इसे ठीक करने के लिए जोलगेनेस्मा इंजेक्शन (Zolganesma Injection) की जरूरत होती है. इस एक इंजेक्शन की कीमत 17.50-18 करोड़ रुपए के करीब होती है. इंजेक्शन भारत में नहीं मिलता है. इसे भी अमेरिका से मंगाना पड़ाता है. कनव के परिवार के लिए इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था कर पाना वश में नहीं था.

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मगर, वो कहते हैं ना 'कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों'. कनव के केस में भी कुछ ऐसा ही हुआ. मासूम की जिंदगी बचाने के लिए लाखों लोग आगे आए. डोनेशन किया गया, नेताओं-मंत्रियों की ओर से भी प्रयास किया गया. नतीजतन कनव को नई जिंदगी देने के लिए Zolganesma Injection अमेरिका से भारत मंगाया गया. 

अरविंद केजरीवाल ने की थी कनव के माता-पिता से मुलाकात.

यूं चला कनव के लिए अभियान 

दरअसल, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कनव के माता-पिता से मुलाकात की थी. केजरीवाल ने बताया कि कनव जब पैदा हुआ तो उनको जेनेटिक बीमारी थी. इसकी वजह से कनव के पैरों में बिल्कुल जान नहीं थी. वो खड़े नहीं हो सकते थे. पैर काम नहीं कर रहे थे. यह बीमारी धीरे-धीरे पैरों से उपर शरीर में जाने लगी और कनव को बैठने में दिक्कत होने लगी. कनव के माता-पिता ने बहुत सारे टेस्ट करवाए. टेस्ट से पता चला कि कनव को आनुवंशिक बीमारी है.

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अगर 24 महीने के अंदर इस बीमारी का इलाज नहीं कराया गया तो ये बीमारी धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाएगी और फैफड़े भी काम करना बंद कर देंगे. इससे जान का खतरा हो सकता है. कनव के माता-पिता ने इस बीमारी के इलाज के बारे में पता किया और पता चला कि इस बीमारी का एक ही इंजेक्शन है. जिसकी कीमत 17.5 करोड़ रुपए है. यह इंजेक्शन अमेरिका से आएगा. सीएम ने बताया कि भारत में इस बीमारी के अभी तक 9 मामले आए हैं और दिल्ली में यह पहला मामला है.

साढ़े 17 करोड़ रुपए की कीमत वाला Zolganesma Injection.

करोड़ों का इंजेक्शन और मध्यम वर्गीय परिवार

सीएम केजरीवाल ने बताया कि कनव के माता-पिता मध्यम वर्गीय परिवार से हैं. इनके लिए 17.5 करोड रुपए का इंतजाम करना आसान नहीं था. इस पैसे के इंतजाम के लिए कनव के माता- पिता ने पंजाब से हमारे राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा से संपर्क किया.

सांसद संजीव अरोड़ा कई सारे चैरिटेबल कार्य करते हैं. इनकी कई सारी एनजीओ भी हैं. एनजी के जरिए संजीव अरोड़ा लोगों की मदद करते हैं. संजीव अरोडा ने लोगों से अपील कर कहा कि कनव को बचाने के लिए डोनेशन दीजिए. संजीव अरोड़ा की अपील पर बहुत सारे लोगों ने डोनेशन दिया. इस देश में अच्छे दिल वालों, दानवीरों की कमी नहीं है. लिहाजा, कनव की मदद करने के लिए बहुत सारे लोग सामने आए.

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कुछ लोगों ने संजीव अरोड़ा से ये प्रश्न भी किया कि एक बच्चे के लिए इतना पैसा कैसे खर्च कर सकते हैं? इस पर संजीव अरोड़ा ने जवाब दिया कि आपके लिए यह एक बच्चा हो सकता है, लेकिन कनव के माता-पिता के लिए वो एक बेशकीमती बच्चा है. कनव को बहुत सारे लोगों से मदद मिली. बहुत सारे सेलिब्रिटीज ने मदद की. कई पार्टियों के नेताओं ने भी मदद की थी.

 

जमा हुए साढ़े दस करोड़ रुपए, कंपनी ने माफ की बाकी रकम

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि विभिन्न लोगों से मिले डोनेशन से कनव के माता-पिता के पास 10.50 करोड़ रुपए इकट्ठा हुए. इसके बाद इन्होंने इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी को फोन किया और 10.50 करोड रुपए में इंजेक्शन देने की अपील की. कंपनी वालों ने भी सहयोग किया और उन्होंने 10.50 करोड रुपए में वो इंजेक्शन दे दिया. हम कंपनी का भी शुक्रिया यदा करना चाहते हैं. केंद्र सरकार ने इंजेक्शन पर से आयात शुल्क हटा दिया था. हम केंद्र सरकार का भी शुक्रिया अदा करते हैं.

सुधरने लगी कनव की तबीयत

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि इंजेशन लगने के बाद कनव के स्वास्थ्य में सुधार है. पहले कनव के हाथ काम नहीं कर रहे थे लेकिन अब हाथ काम करने लगे हैं. पैरों में भी सुधार आने लगा है. मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कनव को लंबी आयु दें और खुशहाल जिंदगी दे.

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