रील नहीं ये हैं रियल 'बजरंगी भाईजान', 16 साल बाद लाल मुन्नी को मां से मिलवाया

हरियाणा पुलिस के एएसआई राजेश कुमार ने एक परिवार को उसकी खुशियां लौटाकर आश्चर्यचकित कर दिया. दरअसल, मूल रूप से झारखंड के रहने वाला एक परिवार ने 16 साल पहले अपनी बेटी खो दी थी. जिसकी तलाश करते-करते परिजन थक गए थे. इस परिवार के लिए राजेश देवदूत बनकर आ गए.

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राजेश कुमार ने खोई बेटी को परिवार से मिलवाया राजेश कुमार ने खोई बेटी को परिवार से मिलवाया

मनीष चौरसिया

  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:48 PM IST

दिल्ली में एक परिवार को 16 साल पहले गुम हो गई बेटी वापस मिली. इस दौरान सबके चेहरे खिल उठे. मां को देखते ही बेटी 'लाल मुन्नी' लिपट गई. बेटी को गले लगाते ही मां की आंखें खुशी के आंसुओं से भर आईं.

दरअसल, 16 साल पहले झारखंड से मां के साथ लाल मुन्नी दिल्ली आई थी, लेकिन वो खो गई थी. उस वक्त उसकी उम्र सिर्फ 7 साल थी. उसकी तलाश करते-करते परिवार थक चुका था. लेकिन हरियाणा पुलिस के एएसआई राजेश कुमार ने परिवार को उनकी खुशियां लौटाकर आश्चर्यचकित कर दिया. 

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एएसआई राजेश कुमार हरियाणा पुलिस की स्टेट क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग में तैनात हैं. राजेश का वीडियो लाल मुन्नी ने सोशल मीडिया पर देखा था. इस पर उसने संपर्क किया और माता-पिता की तलाश करने की गुहार लगाई. 

राजेश कुमार बताते हैं कि जब लड़की अपनी मां से अलग हुई थी, उस वक्त वो महज 7 साल की थी. माता-पिता के नाम के अलावा उसे कोई ठोस जानकारी नहीं थी. राजेश लाल मुन्नी से घंटों फोन पर बात करते थे. उससे बचपन की यादों के बारे में पूछते थे. इसी दौरान उन्हें कुछ अहम बातें पता चलीं और लाल मुन्नी के गांव की जानकारी मिल गई. पता चला कि वो झारखंड के गुमला की रहने वाली है. इसके बाद राजेश ने उसके परिवार का भी पता लगा लिया.


राजेश कुमार साल 2000 में हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए थे. 2013 से वह स्टेट क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल में काम कर रहे हैं. 2016 से राजेश ने मिसिंग लोगों को ढूंढना शुरू किया. अब तक वो 672 गुमशुदा लोगों को परिवार से मिलवा चुके हैं. सबसे बड़ी बात यह कि एएसआई राजेश कुमार ने विक्षिप्त लोगों को भी उनके घर तक पहुंचाया है. 

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राजेश कुमार को लोग बजरंगी भाईजान के नाम से भी बुलाते हैं. राजेश बताते हैं कि कई बार कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है. एक किस्सा साझा करते हुए राजेश बताते हैं, "एक परिवार ने उन्हें किडनैपर समझ लिया और पुलिस बुला ली थी. हालांकि, सब कुछ जानने के बाद परिवार ने उनसे माफी मांगी". राजेश कुमार पर 'द बुक ऑफ होप' नाम की किताब भी छप चुकी है.

 

 

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