नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में लालू यादव के परिवार पर लगातार एक्शन जारी है. 6 मार्च को लालू की पत्नी राबड़ी देवी के घर पहुंचकर CBI ने उनसे 4 घंटे तक पूछताछ की थी. इसके बाद 10 मार्च को पटना में दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक घर पर छापेमारी की गई. कार्रवाई के दौरान तेजस्वी यादव भी इस घर में मौजूद थे. इसके अलावा लालू की बेटियों रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव के ठिकानों पर भी जांच एजेंसी छापेमारी कर चुकी है.
जांच एजेंसियों की इस कार्रवाई के बाद बिहार के डिप्टी सीएम और लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा. बिहार विधान परिषद में तेजस्वी ने कहा,'जिस दिन महागठबंधन 2.0 बना, उस दिन हमारे यहां छापा पड़ा. आखिर उन छापों का क्या हुआ, क्या मिला? छह साल से जांच चल रही है.' तेजस्वी ने छापों को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि तेजस्वी के घर से ठेंगा मिला है.
तेजस्वी यादव ने गृहमंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इसके (छापेमारी) डायरेक्टर अमित शाह हैं. लेकिन उन्हें अपना स्क्रिप्ट राइटर चेंज करना चाहिए. तेजस्वी ने कहा कि उनकी (केंद्र) रणनीति काम नहीं करेगी, क्योंकि मेरे पास उनके खिलाफ संघर्ष करने का साहस है.
तेजस्वी ने आगे कहा,'मेरी बहन के ठिकानों पर छापा मारा गया और ED ने गहनों की तस्वीरें ईडी ने प्रसारित कीं.' तेजस्वी ने दावा किया कि उनकी जिन बहनों की शादी 2012 के बाद हुई थी, उनके ठिकानों पर भी छापा मारा गया. उन्होंने आगे कहा कि हम लोग डरने वाले नहीं है. तेजस्वी ने कहा, 'मेरी पत्नी की प्रेग्नेंसी का आखिरी महीना है. वह ब्लड प्रेशर की बीमारी से पीड़ित है. ED की टीम ने एक घंटे के अंदर अपना काम पूरा कर लिया था, लेकिन उसके बाद भी वह हमारे साथ ही बैठे रहे.'
सोमवार को विधानसभा पहुंचते ही तेजस्वी यादव सीएम नीतीश से मिलने पहुंचे. उन्होंने विधानसभा स्थित चेंबर में नीतीश से मुलाकात की. इस दौरान नीतीश और तेजस्वी के बीच ईडी की रेड को लेकर चर्चा हुई. थोड़ी देर तक चेंबर में चली बातचीत के बाद दोनों सदन के अंदर पहुंचे.
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?
लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है. ये घोटाला उस वक्त का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे. दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी. बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे. सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया.
सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था. लैंड फॉर जॉब स्कैम के मामले में हाल ही में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव के परिवार को समन जारी किया है. इस मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को 15 मार्च को अदालत में पेश होना है.
आदित्य वैभव / शशि भूषण