बिहार: बेटियों के लिए पुलिस ने किया 'सुरक्षा संवाद', दिए सुरक्षा के टिप्स

जमुई में पुलिस ने एक नई मुहिम की शुरुआत की है. पुलिस मुख्यालय और समाज कल्याण विभाग के निर्देश पर जिला के विभिन्न शिक्षा संस्थानों में बेटियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा संवाद का आयोजन किया गया. इस मौके पर जमुई पुलिस ने बेटियों को आए दिन होने वाली परेशानियों को जानने की कोशिश की.

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'सुरक्षा संवाद' में बैठे पदाधिकारी 'सुरक्षा संवाद' में बैठे पदाधिकारी

राकेश कुमार सिंह

  • जमुई,
  • 14 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:23 PM IST

बिहार के उग्रवाद प्रभावित जिला जमुई में पुलिस ने एक नई मुहिम की शुरुआत की है. पुलिस मुख्यालय और समाज कल्याण विभाग के निर्देश पर जिला के विभिन्न शिक्षा संस्थानों में बेटियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा संवाद का आयोजन किया गया. 

सोमवार को इस कार्यक्रम का आगाज जमुई के पुलिस कप्तान डॉ. शौर्य सुमन की उपस्थिति में निजी विद्यालय में किया गया. इसमें काफी संख्या में स्कूल की बच्चियां और उनके अभिभावकों ने भाग लिया. इस मौके पर जमुई के पुलिस कप्तान डॉ. शौर्य सुमन के अलावा एसडीपीओ डॉ. राकेश कुमार, डीएसपी (मुख्यालय) अभिषेक कुमार सिंह, डीएसपी (लाइन) आशीष कुमार सिंह सहित कई पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे. 

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बच्चियों को होने वाली परेशानी के बारे में जाना 

इस अवसर पर जमुई पुलिस ने बेटियों को आए दिन होने वाली परेशानियों को जानने की कोशिश की. बेटियों के साथ पारिस्थितिक संवेदनशीलता, इंटरनेट, मल्टीमीडिया, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि के दुरुपयोग से होने वाले खतरों की जानकारी दी.

इसके साथ-साथ बेटियों को आत्मरक्षा के लिए कई टिप्स भी दिए. कई छात्राओं ने खुलकर पुलिस के सामने अपने सवाल रखे. इसका जवाब एसपी और अन्य पुलिस अधिकारियों ने दिया.

इस मौके पर जमुई के एसपी डॉ. शौर्य सुमन ने कहा, "बच्चे खुलकर अपनी बात रखें. उन्हें आए दिन क्या-क्या परेशानियां होती हैं. किन परिस्थितयों का आए दिन सामना करना पड़ता है. इन उम्र में बच्चों को अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है न कि अन्य चीजों पर. जिन समस्याओं को सुरक्षा संवाद में बच्चे या बच्चियां उठाएंगी, उसका हल निकालने का जमुई पुलिस पूरी कोशिश करेगी." 

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उन्होंने आगे बताया, "अब जिला के हर स्कूलों में एक शिकायत पेटी रखी जाएगी. इसमें स्कूल के छात्र और छात्राएं अपनी परेशानियों को लिखकर डालेंगी. इसका निदान पुलिस निकालने का प्रयास करेगी. यह कार्यक्रम धीरे-धीरे जिला के हर स्कूलों में किया जाएगा."

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