'ठाकुर विवाद': मनोज झा को पप्पू यादव का सपोर्ट, बोले- उनको कोई छू नहीं सकता

बिहार में 'ठाकुर विवाद' तेज हो गया है. अब इसमें जाप (Jan Adhikar Party) सुप्रीमो पप्पू यादव भी कूद गए हैं. उन्होंने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि इसमें बीजेपी की भूमिका है. मनोज झा सम्मान करता हूं. उनको सुरक्षा की जरूरत नहीं है. जब तक पप्पू यादव हैं, दुनिया का कोई शख्स मनोज झा को छून नहीं सकता.

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मनोज झा और पप्पू यादव. (फाइल फोटो) मनोज झा और पप्पू यादव. (फाइल फोटो)

सुजीत कुमार

  • पटना,
  • 01 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

संसद में मनोज झा (Manoj Jha) के बयान के बाद बिहार में 'ठाकुर विवाद' तेज हो गया है. अब इस विवाद में जाप (Jan Adhikar Party) सुप्रीमो पप्पू यादव (Pappu Yadav) भी कूद गए हैं. उन्होंने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, "इसमें बीजेपी की भूमिका है. मनोज झा जी मैं सम्मान करता हूं. उनको सुरक्षा की जरूरत नहीं है. जब तक पप्पू यादव हैं, दुनिया का कोई शख्स मनोज झा को छून नहीं सकता. उनको छूने से पहले, मुझसे लड़ना होगा. हम उनके साथ खड़े हैं". 

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दरअसल, राजद सांसद मनोज झा ने संसद में ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता 'ठाकुर का कुआं' (Thakur Ka Kuan) पढ़ी थी. इसके बाद से लगातार बवाल मचा है. उन्हें सियासी गिलायारों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इस घमासान के बीच रविवार को दिल्ली से पटना पहुंचे सांसद मनोज झा ने सफाई भी दी.

किसी को ठेस पहुंचाने के लिए कविता नहीं पढ़ी थी

रविवार को जब मनोज पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे तो इसी कविता पर मचे घमासान को लेकर मीडिया ने मनोज झा से सवाल किया गया. इस पर उन्होंने कहा, 'मैं ऐसा कुछ नहीं किया. बस एक कविता पढ़ी थी. जिस पर आज भी कायम हूं. किसी को ठेस पहुंचाने के लिए कविता नहीं पढ़ी थी'. 

'ब्राह्मण हैं, इसलिए ब्राह्मणों के खिलाफ कविता नहीं पढ़ी'

इस कविता को लेकर आरजेडी नेता आनंद मोहन, उनके विधायक बेटे चेतन आनंद ने भी मनोज झा पर हमला बोला था. उन पर ठाकुरों का अपमान करने का आरोप लगाया. आनंद मोहन ने तो ये तक कह डाला अगर वो राज्यसभा में उस समय होते तो जीभ खींच लेते. 

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'मनोज बहुत विद्वान, ठाकुरों के खिलाफ कुछ नहीं कहा'

वहीं उनके बेटे चेतन ने कहा मनोज झा ब्राह्मण हैं. इसलिए उन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ कविता नहीं पढ़ी. इसके बाद पार्टी सुप्रीमो लालू यादव झा के बचाव में आए. उन्होंने आनंद  नेताओं को नसीहत दी. कहा कि मनोज बहुत विद्वान आदमी हैं. उन्होंने ठाकुरों के खिलाफ कुछ नहीं कहा. 'जो लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं, उनको संयम बरतना चाहिए.

'आनंद मोहन पहले अपनी अक्ल और शक्ल देखें'

लालू यादव ने आजतक से बातचीत में कहा, आनंद मोहन को जितनी बुद्धि होगी, उतना ही बोलेगा ना. लालू का गुस्सा यहीं नहीं रुका. उन्होंने आगे कहा, आनंद मोहन पहले अपनी अक्ल और शक्ल देखें. चेतन आनंद को भी अक्ल नहीं है. लालू ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का भी तारीफ की और कहा, वो अच्छा काम कर रहा है.

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