नीतीश मंत्रिमंडल से बाहर होते ही अंडरग्राउंड हो गए कार्तिकेय सिंह, सब जगह तलाश रही पुलिस

नीतीश मंत्रिमंडल से बाहर होने के बाद से ही महागठबंधन के विधायक कार्तिकेय सिंह अंडरग्राउंड हो गए हैं. जब से दानापुर कोर्ट ने कार्तिकेय की अग्रिम जमानत खारिज की है, पुलिस को उनकी तलाश है. लेकिन ना वे अपने घर पर मिले हैं ना ही अपने गांव में. 

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अंडरग्राउंड हो गए कार्तिकेय सिंह अंडरग्राउंड हो गए कार्तिकेय सिंह

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 05 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST

नीतीश मंत्रिमंडल से बाहर होने के बाद से ही महागठबंधन के विधायक कार्तिकेय सिंह अंडरग्राउंड हो गए हैं. जब से दानापुर कोर्ट ने कार्तिकेय की अग्रिम जमानत खारिज की है, पुलिस को उनकी तलाश है. लेकिन ना वे अपने घर पर मिले हैं ना ही अपने गांव में. 

इस बारे में पटना एसएसपी ने कहा कि कार्तिक कुमार की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए सीजेएम कोर्ट से 14 सितंबर को पुलिस गैर जमानती वारंट मांगेगी क्योंकि उसी दिन इस केस की अगली सुनवाई है. वैसे जिस मामले में कार्तिकेय सिंह की जमानत याचिका खारिज की गई है, वो 2014 से जुड़ा है. कार्तिकेय सिंह का नाम साल 2014 में राजीव रंजन उर्फ राजू सिंह के अपहरण मामले में आया था. राजू सिंह, कभी अनंत सिंह के करीबी सहयोगी थे. 2014 में पटना के पास से उन्हें वित्तीय लेनदेन के विवाद में कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था. बाद में पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला था.

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पुलिस ने इस मामले में अनंत सिंह के अलावा कार्तिकेय सिंह और अन्य को भी आरोपी बनाया था. बिहटा पुलिस ने कार्तिकेय सिंह पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें 363 (अपहरण), 364 (हत्या के इरादे से अपहरण), और 365 शामिल हैं. अब जब से कोर्ट से कार्तिकेय सिंह को झटका लगा है, वे अंडरग्राउंड हो गए हैं, कहां गए हैं, किसी को नहीं पता. 

पिछले कुछ समय से लगातार कार्तिकेय सिंह विवादों में चल रहे हैं. ये सिलसिला सबसे पहले तब शुरू हुआ था जब उन्होंने महागठबंधन सरकार में मंत्री पद के लिए शपथ ली थी. असल में जिस दिन उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली थी, उसी दिन उन्हें कोर्ट में भी पेश होना था. लेकिन वे कोर्ट में पेश होने के बजाय सीधे शपथग्रहण समारोह में पहुंच गए. इसी वजह से बीजेपी उन पर और नीतीश कुमार पर हमलावर भी रही.

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विवाद इस बात पर भी रहा कि कार्तिकेय सिंह को सरकार ने कानून मंत्रालय सौंप दिया. बाद में वहां से हटाने के बाद उन्हें गन्ना मंत्रालय की जिम्मेदारी दे दी गई. लेकिन अंत में कार्तिकेय ने खुद ही अपना इस्तीफा नीतीश कुमार को सौंप दिया और अंडरग्राउंड हो गए.

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