बिहार में बीपीएसपी पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में कई अधिकारी जांच के दायरे में हैं. लेकिन अब एक आईएएस अधिकारी जांच टीम की रडार पर आ गए हैं. ये आईएएस हैं गया के पूर्व डीएम अभिषेक सिंह, जिनकी विशेष कृपा दृष्टि शक्ति कुमार पर थी.
ईओयू 67वें बीपीएसपी पेपर लीक कांड में अब पूर्व डीएम से पूछताछ करेगी. जांच टीम की ओर से छनकर आ रही जानकारी के मुताबिक, डीएम साहब की विशेष कृपा गया के डेल्हा से राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल और जदयू नेता शक्ति कुमार पर थी. शक्ति की गिरफ्तारी के बाद ही पूर्व डीएम की भूमिका की जांच शुरू हो गई है.
शक्ति कुमार को जांच टीम ने अरेस्ट किया, उसके बाद पूछताछ में बहुत सारी बातें खुलकर सामने आई हैं. जांच टीम को पता चला है कि पूर्व डीएम अभिषेक सिंह की विशेष कृपा से ही बीपीएससी का सेंटर शक्ति के कॉलेज को बनाया जाता था. इतना ही नहीं, सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि शक्ति कुमार पहले से बदनाम था फिर उसे 67वीं परीक्षा का सेंटर कैसे दिया गया?
जांच टीम के सूत्रों की माने तो जेल में बंद राम शरण सिंह ने ही इवनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल शक्ति कुमार को प्रश्न पत्र लीक किया था. जब जांच टीम ने शक्ति की कुंडली खंगाली तो पता चला कि पूर्व डीएम अभिषेक सिंह से शक्ति के काफी घनिष्ट संबंध थे.
शक्ति का कॉलेज सेंटर बनने के किसी भी मानक पर खरा नहीं उतरता था, फिर भी उसे बीपीएसपी परीक्षा का सेंटर बनाया गया. कॉलेज में पांच से छह सौ कैंडिडेट के बैठने की व्यवस्था नहीं थी, फिर भी कॉलेज को सेंटर बनाया गया.
2019 से लेकर अभी तक शक्ति के कॉलेज में सिपाही बहाली, ITI, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग, फॉरेस्ट गार्ड और BPSC के 65-66वीं और 67वीं सहित कुल 10 परीक्षाओं का सेंटर बनाया गया था.
सूत्रों की मानें, तो कॉलेज को सेंटर बनाने का फैसला पूर्व डीएम अभिषेक सिंह की अनुमति से लिया जाता था. फिलहाल इस मामले में डीएम के ओएसडी अमित परत पर जांच टीम का शिकंजा कस रहा है. उनसे कई सवाल पूछे जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि सीधे अभिषेक सिंह ने शक्ति के कॉलेज को रेकमेंड किया था.
डीएम साहब इतने मेहरबान थे कि शक्ति को हथियार का लाइसेंस भी दे दिया था जिसे वर्तमान डीएम ने निरस्त कर दिया है. जांच टीम पूर्व डीएम से पूछने वाली है कि किस आधार पर शक्ति को हथियार का लाइसेंस दिया गया था, उसका विवरण भी मांगा जाएगा.
सुजीत झा