बिहार: शिक्षा विभाग का अजीबो-गरीब फैसला, उर्दू के शिक्षक जांच रहे हैं मनोविज्ञान की कॉपी

बिहार में उर्दू के शिक्षक मनोविज्ञान की कॉपी जांच रहे हैं. मामला पूर्णिया के पूर्णिया कॉलेज का बताया जा रहा है. उर्दू के शिक्षक का कहना है कि उन्हें दबाव देकर मनोविज्ञान की कॉपी जंचवाया गया.

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सुजीत झा

  • पटना,
  • 07 मई 2022,
  • अपडेटेड 7:09 PM IST
  • मामले की जांच की मांग
  • दवाब देकर कॉपी जांचने का आदेश

बिहार में शिक्षा विभाग गाहे-बगाहे अजीबो गरीब कारनामे करता रहा है. कभी एडमिट कार्ड पर सनी लियोनी की तस्वीर से चर्चा में बना रहता है और कभी किसी लड़के के परीक्षा प्रवेश पत्र पर लड़की की तस्वीर लगा देता है. ताजा माला पूर्णिया का बताया जा रहा है. जहां पूर्णिया कॉलेज में उर्दू के शिक्षक को मनोविज्ञान की कॉपी जांचने का जिम्मा दे दिया गया है. उर्दू के शिक्षक का कहना है कि उन्हें दबाव देकर मनोविज्ञान की कॉपी जंचवाया गया.
 
मामले की जांच की मांग
पूर्णिया कॉलेज के प्रिंसिपल मोहम्मद कमाल ने ऐसा कमाल किया कि उर्दू के शिक्षक मोहम्मद मुजाहिद हुसैन को इंटरमीडिएट फाइनल प्रैक्टिकल परीक्षा के मनोविज्ञान की कॉपी जांचने का आदेश निर्गत कर दिया. इसके लिए पत्र जारी कर प्रिंसिपल ने उर्दू के शिक्षक मुजाहिद हुसैन को इंटरनल एग्जामनर बनाकर मनोविज्ञान की कॉपी जांचने का आदेश दिया. इस बाबत कॉलेज के छात्र जदयू के अध्यक्ष राजू मंडल ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर को आवेदन देकर मामले की जांच की मांग की है. 

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दवाब देकर मनोविज्ञान की कॉपी जांचने का आदेश दिया
राजू मंडल ने कहा है कि यहां पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. उर्दू के शिक्षक कैसे मनोविज्ञान के काफी जाचेगे. वही उर्दू शिक्षक मोहम्मद मुजाहिद हुसैन का कहना है कि उन्हें दवाब देकर मनोविज्ञान की कॉपी जांचने का आदेश दिया गया. उसने मना भी किया कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. लेकिन प्रिंसिपल और परीक्षा नियंत्रक के आदेश पर उसने किताब देखकर मनोविज्ञान की कॉपी का जांच किया.

मनोविज्ञान का शिक्षक न होने से उर्दू वाले जांच रहे कॉपी
हालांकि इस मामले में जब पूर्णिया कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ मोहम्मद कमाल ने कहा कि पूर्णिया कॉलेज और आसपास के कॉलेजों में मनोविज्ञान के कोई शिक्षक नहीं है. जिस कारण उर्दू के शिक्षक मुजाहिद हुसैन को ही कापी  जांचने का आदेश दिया गया. क्योंकि उनका स्नातक में मनोविज्ञान विषय रहा है.  उन्होंने कहा कि छात्र हित में यह  फैसला लिया गया था.

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